ये ऑनलाइन प्लेटफार्म है या स्कैम का मकड़जाल !
- ऑनलाइन प्लेटफार्म के छल में उजड़ता युवाओं का भविष्य
- मोबाइल एप और ईएमआई के जाल में फंसी युवा पीढ़ी
- चार महीने में 5 लाख कमाने का झूठा वादा, ऑनलाइन जाल में फंसे शहर के युवा
राहुल श्रावण
वाराणसी (रणभेरी): शहर के लगभग 40 फीसद से अधिक युवा अब ऑनलाइन कोर्स के जाल में फंसे हैं। चार महीने का कोर्स कर 5 लाख रुपए सालाना कमाइए, छह महीने में सर्टिफिकेट पाइए, 45 दिन में बारहवीं पास करवा देंगे...ऐसे लालच में युवा आसानी से फंस रहे हैं। ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट तेजी से फैल रहा है। स्कूल और कॉलेज के बाहर पंपलेट बांटकर छात्रों से मोबाइल नंबर और व्यक्तिगत जानकारी ली जाती है। फिर दिनभर कॉल और मैसेज के जरिए उन्हें कोर्स में प्रवेश दिलाया जाता है। घर बैठे कोर्स कराने और जॉब प्लेसमेंट का लालच देकर एजेंट युवा और उनके परिवारों की कमाई दोनों को दांव पर लगा रहे हैं।
झूठे सर्टिफिकेट और कोर्स, उजड़ता करियर
इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी से लेकर स्पेशल स्किल कोर्स तक, ऑनलाइन प्लेटफार्म मोटी रकम वसूल रहे हैं। दसवीं या बारहवीं पास स्टूडेंट्स जब किसी समाधान की तलाश में होते हैं, तो ऐसे प्लेटफार्मों के जाल में फंस जाते हैं। दुर्गाकुंड, अर्दलीबाजार, शिवपुर, सुंदरपुर जैसे क्षेत्रों में खुली अकादमी फ्रेंचाइजी भी इस स्कैम का हिस्सा हैं। स्टूडेंट्स का डेटा लेकर एजेंट लगातार कॉल करते हैं। समय-सीमा वाले ऑफर और मोटिवेटिंग सेल्स पिच के जरिए छात्रों को प्रवेश दिलाया जाता है। कोर्स के बाद जॉब प्लेसमेंट और 8–10 लाख रुपए सालाना पैकेज का वादा किया जाता है। इस लालच में कई छात्र फंस जाते हैं और अपने परिवार की कमाई बर्बाद कर देते हैं।
रिफंड का झूठ, पुराना कंटेंट और गायब एजेंट
एक बार कोर्स में एडमिशन लेने के बाद छात्र को पुराने यूट्यूब वीडियो और रिकॉर्डेड कंटेंट से पढ़ाया जाता है। इंडस्ट्री प्रोजेक्ट का नाम देकर छात्रों को ठगा जाता है। टर्म और कंडीशन इतने जटिल हैं कि पैसा वापस लेना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
एजेंट्स अपने शिकार को अलग-अलग पैकेज और सैलरी का लालच देकर फंसाते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद कई बार एजेंट गायब हो जाते हैं। छात्र खोजने पर भी उन्हें कोई पता नहीं चलता। इसके बाद एजेंट तुरंत दूसरे छात्रों को फंसाने में लग जाते हैं।
मोबाइल एप और ईएमआई के जाल में फंसी युवा पीढ़ी
आज हर मोबाइल में एक नया एप दिखाई देता है, जो घर बैठे सर्टिफिकेट देने का दावा करता है। छात्र को पूरी जानकारी देकर ईएमआई के जाल में फंसाया जाता है। उन्हें डराया जाता है कि अगर यह कोर्स नहीं किया तो करियर के मौके निकल जाएंगे। इस लालच और डर में युवा फंसते ही जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट में बड़े स्कैम का नेटवर्क काम कर रहा है। बिना किसी शैक्षणिक या इंडस्ट्री मान्यता वाले कोर्स बेचकर युवाओं का भविष्य उजड़ रहा है। परिवारों को सतर्क रहने और छात्र-छात्राओं को प्रमाणिक और मान्यता प्राप्त कोर्स ही चुनने की सलाह दी जा रही है।











