ज्ञानवापी रोड रोजाना बनता जा रहा वीआईपी गाड़ियों का स्टैण्ड

ज्ञानवापी रोड रोजाना बनता जा रहा वीआईपी गाड़ियों का स्टैण्ड
  • शहर के मुख्य रोड ज्ञानवापी मोड़ को नहीं मिली जाम से निजात 
  • रोड पर ही खड़ी होती है वीआईपी गाड़ियां, बनती है जाम का सबब
  • दर्शनार्थियों के साथ ही आम नागरिकों की रोज होती है फजीहत, 
  • सुबह से ही लग जाता है जाम का सिलसिला, रात्रि तक नहीं मिलती है जाम की समस्या से मुक्ति

राधेश्याम कमल

वाराणसी (रणभेरी): देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी इन दिनों सर्वत्र जाम के मकड़जाल में जकड़ी हुई है। शहर के हर कोने पर जिधर भी  जाइये चारों तरफ जाम ही जाम मिलेगा। सुबह हो या फिर शाम चारों तरफ जाम ही जाम। इसमें शहर के सबसे मुख्य मार्ग ज्ञानवापी मोड़ जाम की त्रासदी को पिछले कई वर्षोें से लगातार झेल रहा है। लेकिन किसी भी  नजरें इधर नहीं हुई। यहीं पर काशी विश्वनाथ धाम में द्वादश ज्योर्तिलिंगों में एक बाबा काशी विश्वनाथ भी  विराजते हैं। चार वर्ष पूर्व जब से काशी विश्वनाथ कारिडोर बना तब से शायद यह मार्ग और भी  वीआईपी बन गया है। यह मार्ग वीआईपी तो बन गया लेकिन इसके साथ ही आम नागरिकों की सुविधाएं उससे छीन गई। ज्ञानवापी मोड़ काशी विश्वनाथ धाम का मुख्य प्रवेश द्वार भी  माना जाता है। यहां पर देवाधिदेव महादेव का दर्शन-पूजन करने के लिए रोजाना पूरे देश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन चौक से ज्ञानवापी और बांसफाटक से लेकर गोदौलिया मार्ग जाम के भंवर में फंसा रहता है। सबसे ज्यादा सांसत तो स्थानीय लोगों के साथ ही स्कूली बच्चों की होती है जो प्रतिदिन इस जाम में फंस कर निर्धारित समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं।

मैदागिन से नीचीबाग, बुलानाला, चौक, ज्ञानवापी, बांसफाटक, कोतवालपुरा, गोदौलिया से जंगमबाड़ी व इधर दशाश्वमेध रोड का इलाका पूरी तरह से जाम की गिरफ्त में रहता है। इन इलाकों का पूरा व्यापार इन्हीं मार्गों की बदौलत ही चलता है। अब अगर इन मार्गोें पर रोजाना जाम की स्थिति बनी रहेगी तो फिर खरीदारी करने कौन आयेगा। ज्ञानवापी से बांसफाटक-कोतवालपुरा तक भारी जाम के चलते काफी लोगों ने इन इलाकों में आना ही छोड़ दिया है। देशी-विदेशी सैलानियों के साथ ही श्रद्धालुओं, व्यापारियों एवं स्थानीय नागरिकों को भी  खूब फजीहत झेलनी पड़ती है। ऐसा नहीं कि ज्ञानवापी मोड़ पर पुलिस की ड्यूटी नहीं रहती है। यहां पर हर वक्त पुलिस फोर्स की मुकम्मल व्यवस्था की गई लेकिन लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी ज्ञानवापी मोड़ के जाम को हटाना मुनासिब नहीं समझता है। ज्ञानवापी गेट नंबर चार पर ज्ञानवापी की सुरक्षा व्यवस्था में लगे

पुलिसकर्मियों को शायद इस जाम से कुछ लेना-देना नहीं रहता है। पुलिसकर्मी सिर्फ काशी विश्वनाथ मंदिर एवं ज्ञानवापी की सुरक्षा व्यवस्था में ही लगे रहते हैं। पुलिसकर्मियों को यहां की जाम से कोई मतलब नहीं है। यहां की स्थिति यह है कि यहां पर रोजाना सड़क के बीचो-बीच होकर लोग आते-जाते रहते हैं। भीड़ इतनी रहती है कि इसमें से होकर आगे बढ़ना बड़ा मुश्किल होता है। इन्हीं सब कारणों से इस इलाके का कारोबार पूरी तरह से ठप सा हो गया है। बहुत सारे लोगों ने अपना कारोबार बदल कर दूसरा धंधा अपना लिया है। इलेक्ट्रानिक सामानों का कारोबार करने वालों ने उसे बंद कर खानपान की दुकानें खोल दी है। क्योंकि इलेक्ट्रानिक सामानों की खरीदारी के लिए कोई इस जाम वाले इलाके में आना पसंद नहीं करता है। ज्ञानवापी मोड़ पर जाम की सिलसिला सुबह से शुरू होता है। इसका सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। कई बार तो हालत इतनी बदतर हो जाती है कि आम राहगीरों का पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। इस इलाके की संकरी गलियों, वीआईपी गाड़ियों की मनमानी पार्किंग, फूल-माला बेचने वालों का लगातार अतिक्रमण, सड़क के खड़े दुपहिया वाहन, लोगों की भारी भीड़ आदि ने ज्ञानवापी मोड़ को इस शहर का सबसे जटिल प्वाइंट बना दिया है। व्यापारियों का मानना है कि ज्ञानवापी मोड़ पर रोजाना जाम लगने का सबसे बड़ा मुख्य कारण यहां पर पुलिस और वीआईपी गाड़ियों का अनावश्यक रूप से अनियमित पार्किंग है। काशी विश्वनाथ धाम में रोजाना वीआईपी के अलावा सरकारी अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। सरकारी व वीआईपी गाड़ियां इसी ज्ञानवापी मोड़ पर खड़ी करके छोड़ दी जाती है। चालक गोड़ियों को सड़क पर ही छोड़ देते हैं। अधिकारी विश्वनाथ धाम जाकर घंटों बाद वापस लौटते हैं। इस दौरान तब तक यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध रहता है। यहां पर वाहनों को आने जाने का रास्ता नहीं बचता है। इसके चलते यहां हमेशा एक के पीछे  एक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है। लोग हार्न पर हार्न बजाते रहते हैं लेकिन किसी पर कोई असर नहीं पड़ता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकारी अथवा वीआईपी गाड़ियों की पार्किंग के लिए काशी विश्वनाथ धाम में स्टैण्ड बनाया गया है लेकिन कोई अधिकारी की गाड़ी वहां खड़ी न होकर सड़के के बाहर ही खड़ी की जाती है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि जब विश्वनाथ धाम में पार्किंग स्थल बनाया गया है तो फिर ज्ञानवापी मोड़ पर गाड़ियां क्यों खड़ी की जाती है। जबकि परिसर में एक साथ कई वीआईपी गाड़ियों को खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह है। इसके साथ ही ज्ञानवापी गेट नंबर 4 पर वीआईपी गाड़ियों के प्रवेश के लिए विशाल द्वार बनाया गया है लेकिन यह हमेशा बंद ही रहता है। यह द्वार सिर्फ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आगमन पर ही खुलता है। बाकी समय यह गेट बंद ही रहता है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि इस रोड पर वीआईपी गाड़ियां खड़ी न की जाये तो यहां पर जाम से छुटकारा पाया जा सकता है।