जैसे-जैसे की दवा मर्ज बढ़ता ही गया...
- लाइलाज हो गया है रामापुरा-रेवड़ी तालाब मार्ग पर जाम
- लोगों को इस जाम से कब मिलेगी छुटकारा कुछ पता नहीं,
- सुबह हो या फिर शाम हर वक्त लगा रहता है जाम
- आम नागरिकों के साथ ही स्कूली बच्चों की होती है रोज फजीहत
राधेश्याम कमल
वाराणसी (रणभेरी): कहावत है जैसे-जैसे की दवा मर्ज बढ़ता ही गया। रामापुरा-रेवड़ी तालाब मार्ग का जाम पिछले कई बरसों से लाइलाज हो गया है। जबकि यह मार्ग शहर के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। लेकिन यह मार्ग न केवल बद से बदतर हो गया है बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले लोग रोजाना जाम के मकड़जाल में फंस कर खुद को कोसते नजर आते हैं। आम नागरिकों के साथ ही सबसे बड़ी फजीहत स्कूली बच्चों की होती है जो शायद निर्धारित समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। इस मार्ग पर छोटे बच्चों के स्कूल व बड़े छात्रों के लिए कॉलेज भी है। इस मार्ग पर रोजाना सुबह से लेकर रात्रि तक लाखों लोगों का आवागमन लगा रहता है। लेकिन शहर का सबसे महत्वपूर्ण रामापुरा- रेवड़ी तालाब हर दिन जाम की गिरफ्त में फंसा रहता है। सुबह हो या फिर शाम इस मार्ग पर रोजाना जाम लगा रहता है। वाहनों की लंबी कतारें इस मार्ग पर रोजाना लगी रहती है। हालांकि रामापुरा के पास टेम्पो व टोटो को लक्सा की ओर मोड़ दिया जाता है बावजूद इसके जाम पर इसका कोई असर नहीं पड़ता।

रामापुरा-रेवड़ी तालाब मार्ग पर भेलूपुर, सोनारपुरा, कमच्छा, बीएचयू जाने वाले इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। जबकि बीएचयू, भेलूपुर से आने वाले लोग भी रेवड़ी तालाब से होकर रामापुरा गिरजाघर की ओर से होते हुए नईसड़क बेनियाबाग या फिर चेतगंज, लहुराबीर की ओर जाते हैं। इन दिनों गिरजाघर चौराहे के पास रोपवे के निर्माण के चलते लक्सा से गिरजाघर व गोदौलिया से गिरजाघर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। गिरजाघर के पास सड़क के किनारे से लोग पैदल ही आ-जा सकते हैं। रोपवे के निर्माण के चलते गिरजाघर की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि इधर से गुजरना अपनी जान को जोखिम में डालना है। लेकिन जो दुपहिया वाहन लोग रेवड़ी तालाब, रामापुरा से होकर बेनियाबाग जाते हैं तो उन्हें गिरजाघर से ही गुजरना पड़ता है। भेलूपुर से रेवड़ीतालाब आने वाले टेम्पो, टोटो को रामापुरा विजयवीर हनुमान मंंदिर के पास से पुलिस लक्सा की ओर मोड़ देती है। लेकिन दुपहिया वाहन सवार लोग रामापुरा होते हुए गिरजाघर से होकर निकलते हैं। विजयवीर हनुमान मंदिर के पास से टेम्पो व टोटो को मोड़ दिये जाने के बावजूद इस मार्ग पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। रामापुरा से रेवड़ी तालाब जाने वाले मार्ग की हालत कम दयनीय नहीं है। सड़क के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे किसी को भी घायल करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
गिरजाघर से रामापुरा जाने वाले मार्ग पर एक-दो बालिका विद्यालय भी है। इस विद्यालय के ठीक सामने हमेशा सीवर का गंदा पानी बहता है। यहां की सड़क एकदम क्षतिग्रस्त हो गई है लेकिन लोग इधर से ही होकर गुजरते है। रेवड़ी तालाब के पास भी छोटे बच्चों के दो विद्यालय है लेकिन सुबह के समय किसी तरह से बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को बाइक या फिर स्कूटी पर बिठा कर उन्हें स्कूल छोड़ने आते हैं। बच्चे भी बेचारे जाम में फंसे रहते हैं। यह सिलसिला सुबह स्कूल खुलने के समय अक्सर देखने को मिलता है। स्कूल की जब छुट्टी होती है तब भी अभिभावक अपने बच्चों को लेने के लिए या तो स्कूल के बाहर खड़े रहते हैं या फिर स्कूल परिसर में रहते हैं। स्कूल से जब बच्चे बाहर निकलते हैं तो उस समय इस मार्ग की हालत देखने लायक होती है। चारों तरफ जाम और उसी जाम में किसी तरह बच कर निकलते पैदल बच्चे साथ ही बाइक पर बच्चों को बिठा कर आगे बढ़ते उनके अभिभावक दिखायी पड़ते हैं। यह सिलसिला एक दिन का नहीं बल्कि रोजाना का है। भेलूपुर थाने से आगे बढ़ने पर रोजाना रेवड़ी तालाब जाम की गिरफ्त में रहता है।
तिलभांडेश्वर पार्क के पास से तिलभांडेश्वर महादेव जाने वाले मार्ग पर भी उधर से आने जाने वाले वाहनों की कतारें लगी रहती है। इन सबके चलते रेवड़ी तालाब- रामापुरा से लेकर गिरजाघर रोजाना जाम में फंसा रहता है। रेवड़ी तालाब- रामापुरा के जाम को लेकर प्रशासन ने कई बार यातायात व्यवस्था सुधारने की कोशिश की लेकिन यह सब टॉय-टॉय फिस्स ही हुआ। तमाम कोशिशों के बावजूद इस मार्ग की व्यवस्था को ठीक नहीं किया जा सका है।











