पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद, आज स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेशी
वाराणसी (रणभेरी): पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर गुरुवार शाम से वाराणसी सेंट्रल जेल में निरुद्ध हैं। उन्हें फर्जीवाड़े के एक मामले में बी-वारंट पर देवरिया जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच वाराणसी लाया गया। जेल प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा कारणों से केंद्रीय कारागार की तन्हाई बैरक में रखा है। जेल सूत्रों के अनुसार, रात भर वे बेचैन रहे और ठीक से सो नहीं पाए। उन्हें ओढ़ने के लिए दो कंबल उपलब्ध कराए गए।
शुक्रवार को अमिताभ ठाकुर को वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। हिंदू संगठनों के संभावित आक्रोश को देखते हुए कोर्ट परिसर के भीतर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
देवरिया से वाराणसी लाए गए अमिताभ ठाकुर
गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे चौक पुलिस ने देवरिया जेल से अमिताभ ठाकुर को सुपुर्दगी में लेकर वाराणसी के केंद्रीय कारागार पहुंचाया। जेल वाहन के पहुंचने पर सुरक्षा कारणों से सभी बैरक बंद कराए गए। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर बी-वारंट की प्रति जेल कार्यालय में जमा कराई गई। शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें पुनः देवरिया जेल भेजे जाने की संभावना है। एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजन त्रिपाठी ने बताया कि नियमानुसार समय पर अमिताभ ठाकुर को स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेश कर उनका बयान दर्ज कराया जाएगा।
क्या है मामला
हिंदू युवा वाहिनी नेता एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) बोर्ड सदस्य अंबरीश सिंह ‘भोला’ ने 8 दिसंबर को चौक थाने में अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो और पत्र साझा किया, जिसमें अंबरीश सिंह भोला पर कफ सिरप तस्करी से जुड़े झूठे आरोप लगाए गए, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
तहरीर के अनुसार, पोस्ट किए गए पत्र में अमिताभ ठाकुर और डॉ. नूतन ठाकुर को आजाद अधिकार सेना का अध्यक्ष और महासचिव बताया गया था। साथ ही साझा किए गए वीडियो में कथित आपराधिक गतिविधियों के मनगढ़ंत आरोप लगाए गए थे। आरोप है कि यह सामग्री अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रसारित की गई और एक नवनिर्वाचित मंत्री के खिलाफ भी बेबुनियाद आरोप लगाए गए।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर बीएनएस की धारा 196, 229, 356(2) और 356(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया। थाना प्रभारी दिलीप कुमार मिश्रा के अनुसार, कोर्ट से बी-वारंट प्राप्त कर कार्रवाई की गई।
अमिताभ ठाकुर ने कफ सिरप मामले से जुड़े तथ्यों को डीजीपी सहित संबंधित अधिकारियों को भेजकर जांच की मांग की थी। उन्होंने दो वीडियो मिलने का दावा किया था। एक पांच सेकेंड का वीडियो, जिसमें रामकटोरा बड़ी पियरी स्थित अंबरीश सिंह भोला के मकान से कफ सिरप से जुड़ा सामान हटाए जाने की बात कही गई, और दूसरा 22 सेकेंड का वीडियो, जिसमें काफिले के साथ चलते हुए दिखाने का दावा किया गया। इन्हीं दावों के बाद एफआईआर दर्ज की गई।











