बीएचयू में बाउंसरों की गुंडागर्दी के खिलाफ छात्रों ने खोला मोर्चा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक बार फिर छात्रों के आक्रोश का केंद्र बना जब विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए छात्रों ने केन्द्रीय कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि ट्रॉमा सेंटर और विश्वविद्यालय अस्पताल में प्रशासन की मनमानी चरम पर पहुंच चुकी है। छात्रों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ अस्पताल परिसर में लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है, और आम जनता को भी चिकित्सा सुविधाओं के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात रही, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। हालांकि, छात्रों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रखीं और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम लोग विश्वविद्यालय के अंग हैं, लेकिन अस्पताल में हमारे साथ बाहरी व्यक्ति जैसा व्यवहार किया जाता है। भ्रष्टाचार और बाउंसरों की दबंगई ने अस्पताल को डर का अड्डा बना दिया है। यदि हमारी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं होती है, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
बता दें कि ट्रॉमा सेंटर परिसर में सर्जरी विभाग के प्रो.शशिप्रकाश मिश्रा और कैंटीन संचालक के बीच हाथापाई के बाद से उपजा विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। दोनों पक्षों से एक दूसरे पर आरोप लगाकर चीफ प्रॉक्टर, आईएमएस निदेशक, प्रभारी वीसी से लेकर पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जा रही है। विश्वविद्यालय स्तर पर गठित कमेटी की खासियत यह है कि इसमें आईएमएस का कोई भी सदस्य नहीं है। विज्ञान संकाय के एक सीनियर प्रोफेसर को इसका चेयरमैन बनाया गया है। दोनों पक्षों से जुड़े लोगों को बुलाकर जहां उनका बयान दर्ज करने की तैयारी चल रही है। इन सबके बीच घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका होगी। अब जांच कमेटी की रिपोर्ट और होने वाली कार्रवाई का सभी को इंतजार है।
महिला प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय महिला प्रकोष्ठ और कार्यवाहक वीसी से की शिकायत
सर्जरी विभाग की प्रोफेसर डॉ. मंजरी मिश्रा ने अपने साथ और अपने पति डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रॉमा सेंटर के बाउंसर आशीष सिंह ने उनके पति को जबरन निमार्णाधीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक में जाने से रोका और विरोध करने पर उनके साथ भी अभद्रता की।
वहीं इस मामले में बीएचयू सर्जरी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कटर बिल्डिंग के सामने डॉक्टर से अभद्रता मामले में विरोध किया। इस दौरान उन्होंने ट्रामा सेंटर के पीआई और उनके बाउंसर द्वारा अभद्रता मामले में सौरभ सिंह का इस्तीफा और बाउंसर पर कार्रवाई की मांग की।
छात्रों की प्रमुख मांगें
प्रशासनिक गुंडागर्दी पर रोक : ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक गुंडागर्दी को बंद किया जाए।
बाउंसर प्रथा समाप्त हो : विश्वविद्यालय के अस्पताल से बाउंसर व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
बाउंसरों की नियुक्ति रद्द : वर्तमान में कार्यरत सभी बाउंसरों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए।
भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई : अस्पताल प्रशासन में शामिल भ्रष्ट एवं दागी अधिकारियों को फौरन निलंबित कर उनके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
दुर्व्यवहार पर रोक : छात्रों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ अस्पताल में हो रहे दुर्व्यवहार को अविलंब रोका जाए।