कबीर विद्यालय को अपराधियों व शिक्षा माफियाओं से मुक्त कराने की मांग
- साधु-संतों का आरोप - फर्जी प्रबंधन, अवैध वसूली और असामाजिक तत्वों का कब्जा
- शिक्षक नियुक्ति के नाम पर 30-40 लाख रुपये प्रति पद वसूली का आरोप
- कार्रवाई नहीं हुई तो भूख हड़ताल व आंदोलन की चेतावनी
वाराणसी (रणभेरी): कबीरचौरा स्थित श्री कबीर आदर्श संस्कृत महाविद्यालय को कथित अपराधियों और शिक्षा माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराने की मांग को लेकर मंगलवार को साधु-संतों और संस्था से जुड़े सदस्यों ने प्रेस वार्ता कर गंभीर आरोप लगाए। वक्ताओं ने कहा कि श्री कबीर महामंडल साधु विद्यालय की उपसंस्था इस महाविद्यालय पर सजा प्राप्त व्यक्ति और उसके सहयोगियों का अवैध कब्जा है, जो नियमों को ताक पर रखकर प्रबंधन चला रहे हैं। आरोप लगाया गया कि संस्था के बायलॉज का उल्लंघन करते हुए दंडित व्यक्ति को प्रबंधक/मंत्री बनाया गया और फर्जी दस्तावेजों व शपथपत्रों के आधार पर अवैध प्रबंधन समिति गठित कर दी गई। साधु-संतों ने दावा किया कि शिक्षक नियुक्ति के नाम पर प्रति पद 30 से 40 लाख रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है और अब तक करोड़ों रुपये वसूले जा चुके हैं। वर्तमान में लगभग दस पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, जिसमें योग्यता नहीं बल्कि धन को प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि शास्त्री से आचार्य तक के पाठ्यक्रमों में मात्र 51 छात्र पंजीकृत हैं, इसके बावजूद नियमित कक्षाएं संचालित नहीं हो रहीं। विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा गया कि कई बार शिकायतें और जनप्रतिनिधियों के पत्र भेजे जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विद्यालय परिसर में असामाजिक तत्वों की मौजूदगी से भय का माहौल बना हुआ है।
मांग की गई कि सभी नियुक्तियों पर तत्काल रोक लगे, अवैध कब्जा हटे, दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी हो और प्रशासन की निगरानी में निष्पक्ष चुनाव कराकर वैध प्रबंधन समिति गठित की जाए। मांगें न माने जाने पर भूख हड़ताल व व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई।











