काशी के रंग में रंगे MP के सीएम मोहन यादव, बाबा के दर पर शीश नवाया और गलियों में चखा मलइयो
वाराणसी (रणभेरी): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का काशी प्रवास आध्यात्म, आत्मीय संवाद और सादगी भरे क्षणों से सजा रहा। रविवार देर रात वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह सबसे पहले काशी के आराध्य देवों के चरणों में हाजिरी लगाई और इसके बाद पुरानी काशी की गलियों में आम जन की तरह घूमते नजर आए।
सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर विधिपूर्वक दर्शन-पूजन किया। करीब आधे घंटे तक उन्होंने बाबा का अभिषेक कर आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं के बीच जाकर उन्होंने लोगों का हालचाल जाना और सभी से आत्मीय संवाद किया। मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालु मुख्यमंत्री को अपने बीच देखकर खासे उत्साहित दिखे।

इसके बाद मुख्यमंत्री काल भैरव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा भैरवनाथ का पूजन-अर्चन किया और परंपरा अनुसार हाथ में काला धागा बंधवाया। दर्शन के बाद वह काशी की संकरी गलियों में निकल पड़े। ठेठ बनारसी अंदाज में दुकानों के सामने रुकते, लोगों से बात करते और माहौल को करीब से महसूस करते मुख्यमंत्री का यह रूप लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया।
गली में खड़े होकर उन्होंने स्थानीय दुकानदार से सहज अंदाज में पूछा—“क्या खिलाओगे?” जवाब में उन्हें काशी की मशहूर मिठाई ‘मलाईयो’ परोसी गई, जिसका स्वाद लेते हुए उनका अनौपचारिक अंदाज चर्चा का विषय बन गया।
इससे पहले रविवार रात करीब दस बजे मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। वहां भाजपा पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से वह सीधे होटल पहुंचे, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठनात्मक विषयों, आगामी कार्यक्रमों और क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
काशी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्तर प्रदेश की सराहना करते हुए कहा कि यह भूमि अद्भुत है और बाबा विश्वनाथ की नगरी में आकर मन को विशेष शांति मिलती है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चल रहे विकास कार्यों की भी प्रशंसा की और भाजपा के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष को शुभकामनाएं दीं।
काशी भ्रमण और पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री वाराणसी से जौनपुर के लिए रवाना हो गए, जहां वह खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव के पारिवारिक तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री का यह संक्षिप्त लेकिन आत्मीय प्रवास काशी की स्मृतियों में एक अलग छाप छोड़ गया।











