UPPSC के बाहर छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प; 300 जवान तैनात, पारदर्शिता की मांग पर अड़े अभ्यर्थी

UPPSC के बाहर छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प; 300 जवान तैनात, पारदर्शिता की मांग पर अड़े अभ्यर्थी

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के गेट पर शुक्रवार को छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई। PCS प्री-2024 और RO-ARO प्री-2023 के रिजल्ट में पारदर्शिता की मांग को लेकर सैकड़ों छात्र आयोग के बाहर धरने पर बैठे थे। सड़क पर जाम की स्थिति बनने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों के इनकार करने पर हालात बिगड़ गए और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

झड़प के दौरान काशी निवासी छात्र अखिलेश यादव की पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए जबरन गाड़ी में बैठाया। इस दौरान एक दरोगा भी सड़क पर गिर पड़ा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए RAF, PAC और पुलिस के करीब 300 जवान तैनात किए गए हैं। आयोग के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। मौके पर करीब 200 से अधिक छात्र मौजूद हैं, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

तबीयत बिगड़ी, छात्र अस्पताल में भर्ती

प्रदर्शन के दौरान छात्र आशुतोष पांडेय की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, वाराणसी से प्रयागराज आ रहे समाजवादी छात्रसभा BHU इकाई अध्यक्ष हिमांशु यादव समेत कई छात्रों को हिरासत में लेकर BHU चौकी पुलिस में रखा गया है।

छात्रों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि PCS प्री-2024 और RO-ARO प्री-2023 के परिणामों में आयोग ने पारदर्शिता नहीं बरती। छात्रों की मांग है कि- रिजल्ट के साथ फाइनल आंसर-की जारी की जाए। सभी वर्गों के कट-ऑफ अंक सार्वजनिक किए जाएं। पास और फेल सभी अभ्यर्थियों के नंबर जारी किए जाएं, ताकि वे अपनी स्थिति समझ सकें। छात्रों का कहना है कि जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

डफली-नारेबाजी से गूंजा परिसर

प्रदर्शन स्थल पर छात्र डफली बजाकर और “इंकलाब जिंदाबाद”, “छात्र एकता जिंदाबाद” के नारे लगाकर विरोध जता रहे हैं। आंदोलन में महिला अभ्यर्थियों की भागीदारी भी बढ़ रही है। छात्र शांतिपूर्ण आंदोलन की बात कह रहे हैं, हालांकि पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

छात्र का आरोप

झड़प के बाद अखिलेश यादव ने कहा, “मैं बनारस का रहने वाला हूं। शर्म की बात है कि देश में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। पुलिस ने मेरे साथ बदसलूकी की और कई पुलिसकर्मी मुझ पर टूट पड़े।” फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। आयोग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।