मथुरा एक्सप्रेस-वे हादसा: कोहरे में 8 बसें और 3 कारें टकराईं, 13 जलकर मरे, 70 घायल

मथुरा एक्सप्रेस-वे हादसा: कोहरे में 8 बसें और 3 कारें टकराईं, 13 जलकर मरे, 70 घायल

(रणभेरी): यमुना एक्सप्रेस-वे पर शनिवार सुबह कोहरे के चलते भयानक हादसा हुआ। माइलस्टोन 127 के पास 8 बसें और 3 कारें आपस में टकरा गईं, टक्कर के तुरंत बाद गाड़ियों में आग लग गई। हादसे में भाजपा नेता समेत 13 लोगों की जलकर मौत हो गई, जबकि 70 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस का अनुमान है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि बसों में कटे हुए अंग मिले हैं। मृतकों के अवशेष 17 पॉलिथीन बैग में रखकर पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए हैं, जहां उनकी पहचान डीएनए परीक्षण से की जाएगी।

हादसा थाना बलदेव क्षेत्र में हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के 50 जवानों के साथ 9 थानों की टीम ने 6 घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया। हादसे की वजह से एक्सप्रेस-वे पर लगभग 3 किमी लंबा जाम लग गया था। ADM प्रशासन अमरेश की देखरेख में मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर के बाद ऐसा लगा जैसे बम फटा हो। लोग बसों के शीशे तोड़कर बाहर कूद रहे थे, लेकिन कुछ को भागने का मौका नहीं मिला और बसें जलकर राख हो गईं। भगवान दास नामक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "हमने बसों से 8–9 लाशें निकाली। रेस्क्यू करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ।"

घायलों को 11 एम्बुलेंस की मदद से मथुरा जिला अस्पताल और वृंदावन संयुक्त जिला अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर मामलों को आगरा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।

हादसे के पीछे मुख्य कारण घना कोहरा बताया जा रहा है। स्लीपर बस के सामने अचानक धुंध छा गई, जिससे ड्राइवर ने ब्रेक लगाया। इसके बाद पीछे से आ रही 6 बसें और 4 कारें आपस में भिड़ गईं। टक्कर के बाद एसी बस में आग लग गई और लोग बाहर निकलने में असमर्थ रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी हादसे पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएमआरएफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की।

हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसमें ADM प्रशासन अमरेश, SP देहात, अधिशासी अभियंता PWD और ARTO प्रवर्तन शामिल हैं। टीम 48 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी।

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर कमिश्नर शैलेंद्र कुमार सिंह और डीआईजी शैलेश कुमार पांडे ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और हादसे के विवरण लिए। SSP श्लोक कुमार ने पुष्टि की कि मृतकों में से तीन की पहचान हो चुकी है- आजमगढ़ निवासी रामपाल, गोंडा निवासी सुल्तान और प्रयागराज के मुद्दीनपुर निवासी अखिलेंद्र। बाकी शवों की पहचान डीएनए परीक्षण से की जाएगी। हादसा, राहत और जांच के सभी पहलू इसे गंभीर और चिंताजनक बनाते हैं। यह हादसा एक्सप्रेस-वे पर कोहरे में तेज़ रफ्तार और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की तरफ भी इशारा करता है।