लखनऊ में दर्दनाक हादसा: बिहार से दिल्ली जा रही स्लीपर बस में लगी भीषण आग, जिंदा जले 5 यात्री, कई घायल

लखनऊ में दर्दनाक हादसा: बिहार से दिल्ली जा रही स्लीपर बस में लगी भीषण आग, जिंदा जले 5 यात्री, कई घायल

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिहार के बेगूसराय से दिल्ली की तरफ जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस (बस संख्याः UP17 AT 6372) में अचानक भीषण आग लग गई। इस हादसे में 5 लोग जिंदा जल गए, जबकि करीब 60 यात्री बस में सवार थे। ड्राइवर शीशा तोड़कर बस से कूद गया और फरार हो गया। आग इतनी तेज थी कि बस महज 10 मिनट में पूरी तरह जलकर राख हो गई। 

लखनऊ के किसान पथ पर लखनऊ- रायबरेली रोड, मोहनलालगंज के ऊपर शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग लगने के बाद भी यह बस करीब एक किलोमीटर तक दौड़ती रही। ड्राइवर और कंडक्टर तुरंत मौके से भाग निकले। बस में बैठे यात्रियों को पुलिस और आम लोगों की मदद से कांच को तोड़कर बाहर निकाला गया। दमकल की गाड़ियों ने करीब आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया। जब दमकलकर्मी बस के अंदर गए तो वहां पांच लोगों के शव मिले। आग की लपटों से झुलसे यात्रियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। 

यात्रियों ने बताया कि बस में अचानक धुआं भरने लगा। लोगों को कुछ समझ नहीं आया। कुछ ही मिनटों में आग की तेज लपटें उठने लगीं। बस के अंदर भगदड़ मच गई। ड्राइवर और कंडक्टर बस छोड़कर भाग गए। ड्राइवर की सीट के पास एक एक्स्ट्रा सीट लगी थी। ऐसे में यात्रियों को नीचे उतरने में दिक्कत हुई। कई यात्री फंसकर गिर गए। आसपास के लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, तब तक पूरी बस जल चुकी थी। दमकल ने करीब 30 मिनट में आग बुझाई। टीम अंदर पहुंची, तो जले हुए 5 शव मिले।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शव इतनी बुरी तरह जल गए थे कि पहचान पाना मुश्किल था। दो बच्चों के शव सीट पर थे, जबकि दो महिलाओं और युवक का शव सीट के बीच में पड़ा था। लॉकेट और कड़ों से बच्चों की पहचान हुई। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि शॉर्ट सर्किट से चलती बस में आग लगी। इमरजेंसी गेट नहीं खुला। इस वजह से पीछे बैठे लोग फंस गए। बस में पांच-पांच किलो के सात गैस सिलेंडर थे। 

बस (UP17 AT 6372) बुधवार दोपहर 12:30 बजे बिहार के बेगूसराय से दिल्ली के लिए निकली। रात 12 बजे गोरखपुर में कुछ और सवारियों को बैठाया। गुरुवार सुबह 4:40 बजे बस लखनऊ आउटर रिंग रोड पर कटे भीट गांव के पास पहुंची थी तभी आग लग गई। उस वक्त बस की स्पीड 80 से 100 किमी प्रति घंटा बताई जा रही है।

बस सवार अनुज सिंह ने बताया- बस के इंजन में स्पार्किंग से आग लग गई। हादसे के वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे। आग लगने के बाद बस में चीख-पुकार मच गई। यह देखकर ड्राइवर और कंडक्टर कूदकर भाग गए। बस में पर्दे लगे थे। इससे आग तेजी से फैली।

बस में आगे बैठे लोग तो किसी तरह निकल गए, लेकिन पीछे बैठे लोग फंस गए। इमरजेंसी गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला। इसके बाद यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर कूदना शुरू किया। मेरे साथ पत्नी थी। मैंने तुरंत उसे जगाया। हम दोनों बस से उतरने लगे तो चालक के पास लगी अतिरिक्त सीट में फंसकर गिर गया। मेरे ऊपर से चढ़कर एक आदमी निकल गया। किसी तरह से मेरी जान बची। हादसे के बाद बस से निकलने के चक्कर में मेरी तरह कई लोग फंसकर गिर गए। जो गिरा, वह उठ नहीं पाया। लोग उन्हें कुचलते हुए बाहर निकल गए। ज्यादातर लोगों का सामान बस में जलकर राख हो गया।

हादसे में मरने वालों की पहचान समस्तीपुर मधेपुर हसनपुर, बिहार निवासी लख्खी देवी (55) पत्नी अशोक महतो, सोनी (26) पुत्री अशोक महतो, सीतामढ़ी गमभार, बिहार निवासी देवराज (4) पुत्र राम बालक महतो, साक्षी (2) पुत्री राम बालक महतो और बेगूसराय देहात, बिहार निवासी मधुसूदन के रूप में हुई है। एम्बुलेंस चालक ने बताया- बच्चों के शव सीट पर मिले, जबकि महिलाओं और युवक का शव सीट के नीचे मिला।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस की गैलरी में यात्रियों का सामान रखा हुआ था। आग लगने पर यात्री पहले अपना सामान निकालने की कोशिश करने लगे। इस अफरा-तफरी में कई लोग वहीं फंसकर गिर गए।बस में धुआं तेजी से फैलने लगा, जिससे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया। बस के इमरजेंसी गेट को लोगों ने खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला। धुआं लगातार बस में भरता जा रहा था, जिससे लोगों को बाहर निकलने में काफी दिक्कत हुई।
ड्राइवर की सीट के पास एक अतिरिक्त सीट लगी हुई थी। इस सीट के कारण गैलरी में निकलने का रास्ता और संकरा हो गया। कई यात्री इस सीट में फंसकर गिर गए। पीछे से आने वाले लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए।