मौसम के चलते बदल गई काशी की शाम, गंगा आरती और मंदिरों की पूजा अब नए समय पर

मौसम के चलते बदल गई काशी की शाम, गंगा आरती और मंदिरों की पूजा अब नए समय पर

वाराणसी (रणभेरी): काशी, जहां हर घाट और मंदिर का अपना अलग ही सांस्कृतिक जीवन है, अब ठंड के मौसम में आरती के समय में बदलाव के लिए तैयार हो गया है। नगर के प्रमुख मंदिरों और गंगा घाटों पर सुबह और शाम की आरती अब नए समय पर आयोजित की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिल सके।

दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की शाम की आरती अब शाम 6 बजे शुरू हो रही है, जो पहले 7 बजे होती थी। गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति ने बताया कि यह बदलाव ठंड के मौसम को ध्यान में रखकर किया गया है। वहीं, सुबह की आरती अब साढ़े पांच बजे से आरंभ होती है, जो पहले पांच बजे होती थी।

कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर में भोर की आरती अब सुबह पांच बजे शुरू हो रही है, जबकि गर्मियों में यह सुबह चार बजे होती थी। शाम की आरती भी अब साढ़े सात बजे से आयोजित की जा रही है, जो पहले रात आठ बजे होती थी। मंदिर के महंत राजेश मिश्र ने बताया कि सर्दियों में आरती का समय श्रद्धालुओं की सुविधा और मौसम के अनुसार तय किया जाता है।

दुर्गा मंदिर और बनकटी हनुमान मंदिर में भी आरती का समय बदल गया है। दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर की सुबह की मंगला आरती अब पांच बजे होती है, और शाम की आरती साढ़े सात बजे। बनकटी हनुमान मंदिर की शाम की आरती अब सात बजे आयोजित की जाती है।

दुर्ग विनायक मंदिर में सुबह की आरती साढ़े पांच बजे और शाम की आरती साढ़े छह बजे की जा रही है। शयन आरती का समय भी रात दस बजे से साढ़े नौ बजे कर दिया गया है।

मंदिरों के इस बदलाव से न केवल ठंड में श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ी है, बल्कि काशी की धार्मिक परंपरा और अनुशासन में भी सामंजस्य बना रहा है। श्रद्धालु अब मौसम के अनुसार आरामदायक समय में आरती में भाग ले सकते हैं और गंगा की पवित्रता का अनुभव कर सकते हैं।