सीएम योगी का बड़ा फैसला: पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक बढ़ोतरी, 30 साल बाद हुआ पुनर्निर्धारण
(रणभेरी): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी, जिससे निविदा, अनुबंध गठन और कार्यारंभ की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह कदम प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने के साथ वित्तीय अनुशासन को भी सुनिश्चित करेगा।
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभाग के वित्तीय अधिकार वर्ष 1995 में निर्धारित किए गए थे। तब से अब तक निर्माण कार्यों की लागत में करीब 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है, ताकि परियोजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन हो सके।
अब कितना बढ़ा अधिकार, मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार
- मुख्य अभियंता को अब 2 करोड़ के बजाय 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार मिलेगा।
- अधीक्षण अभियंता के अधिकार 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये तक कर दिए गए हैं।
- अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकार 40 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं।
- सहायक अभियंता को भी छोटे कार्यों और सीमित टेंडरों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा।
- यह पुनर्निर्धारण लगभग तीन दशकों के बाद किया जा रहा है।
सेवा नियमावली में भी बदलाव
बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन से जुड़े प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। संशोधन के तहत विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद शामिल किया गया है। इसके साथ मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है।
नए पदों के लिए पदोन्नति का स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है। अब पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता (स्तर-एक) तक के पदों का वेतनमान और पे लेवल भी तय कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री बोले- समयानुकूल और पारदर्शी व्यवस्था जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल और पारदर्शी बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता और तकनीकी गुणवत्ता को नई दिशा मिलेगी।
बैठक में मुख्य सचिव एस.पी. गोयल, अपर मुख्य सचिव (वित्त) एवं आईआईडीसी दीपक कुमार, प्रमुख सचिव (पीडब्ल्यूडी) अजय चौहान, विभागाध्यक्ष ए.के. द्विवेदी और मुख्य अभियंता यू.के. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।











