अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने घाटों पर पहुंची व्रती महिलाएं
नमोघाट-राजघाट से लेकर अस्सी-सामनेघाट कर रही छठ पूजा की धूम
काशी के गंगा घाटों- सरोवरों-कुंडों पर उमड़ा रहा आस्थावानों का सैलाब
वाराणसी (रणभेरी): सूर्याेपासना के महापर्व डाला छठ पर सोमवार को काशी के गंगा घाटों पर आस्थावानों का सैलाब उमड़ पड़ा। गंगा-वरुणा तट के अलावा सरोवरों-कुंडों पोखरों पर आस्थावानों का हुजूम उमड़ा था। अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उनकी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद सूर्यदेव की आरती उतारी गई। सोमवार को दोपहर से ही गंगा घाटों-कुंडों- सरोवरों व पोखरों पर व्रती महिलाओं का हुजूम पहुंचना शुरू हो गया था। उनके साथ उनके परिजन साथ-साथ चल रहे थे। सायंकाल जैसे ही सूर्यदेव अस्त होना शुरू किये वैसे ही व्रती महिलाओं नें गंगा में कमर के बराबर जल में खड़ी होकर अर्घ्य देना शुरू कर दिया। नमोघाट-राजघाट, प्रहलादघाट, तेलियानाला घाट, गायघाट, त्रिलोचनघाट, सिंधियाघाट, ललिताघाट, मीरघाट, डा. राजेद्र प्रसाद घाट, प्रयागघाट, दशाश्वमेघघाट, अस्सीघाट, तुलसीघाट, सामनेघाट तक छठ पूजन चलता रहा। पूजन के बाद काफी संख्या में महिलाओं ने घाटों पर ही डेरा जमा लिया। क्योंकि छठ के अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देना है। घाटों पर पूजन के बाद आसपास की महिलाएं हाथों में जलता हुआ दीपक लेकर घर लौटी।
गाजे-बाजे संग घाटों पर पहुंचे आस्थावान
छठ पर व्रती महिलाओं के साथ उनके परिवार के सदस्य गाजे-बाजे के साथ गंगा घाटों पर पहुंचे। जिन व्रती महिलाओं की मनौतियां थी वह अपने घर से सूर्यदेव को दंडवत करती हुई घाटों पर पहुंच रही थी। कई कुंडों व सरोवरों समेत वरुणा पुल शास्त्री घाट पर हजारों लोग उमड़े थे। इसके चलते वहां जाम की स्थिति बनी रही।
सरोवरों-तालाबों में उमड़ा रहा हुजूम
परिवार के सुख-समृद्धि की कामना का पर्व डाला छठ का सोमवार को मुख्य दिन था। ईश्वरगंगी पोखरा, सूरजकुंड, लक्ष्मीकुंड, रामकुंड समेत अन्य सरोवरों व कुंडों पर लोगों का हुजूम उमड़ा था। पूरे दिन निराजल रहरने वाली महिलाओं का अपराह्न से ही घाटों की ओर जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। घाटों की ओर बढ़ती हुई महिलाएं छठी माता का गीत गाते हुए चल रही थी। जबकि परिवार के सदस्य डलिया, दौरी, दऊरा, सूप, ठोकवा, चावल, गोदूध, सिंघाड़ा, नींबू, चकोतरा, सिंघाड़ा, मौसमी फल लेकर चल रहे थे। लोग गन्ना (ईंख) कंधों पर लेकर चल रहे थे। घाटों व कुंडों पर पहुंच कर पहले पूजा स्थल का शुद्धिकरण कर वेदी बनायी गई। तत्पश्चात गन्ना (ईंख) का मंडप बनाया गया। मनौती करने वालों ने कोसी •ारी। पहली बार मनौती करने वालों ने सामान्य ढंग से पूजा कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।
सूर्य सरोवर पर मेला सरीखा दिखा मंजर
बरेका स्थित सूर्य सरोवर पर डाला छठ के दिन सोमवार की शाम मेला जैसा मंजर दिखा। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेक) स्थित सूर्य सरोवर पर छठ पर अद्धितीय व धर्मिक वातावरण देखने को मिला। श्रद्धालु अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे थे। लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ स्काउट गाइड, स्वयंसेवकों को लगाया गया था। सरोवर के आसपास विद्युत झालरों की सजावट की गई थी। महिला संगठन की सदस्याओं ने ने पूरे विधि विधान से पूजा कर हर किसी के मंगल की कामना की।
विदेशी फलों की सजी रही टोकरियां
डाला छठ पर देशी के साथ ही विदेशी फलों की टोकरियां सजी रही। लोगों ने देशी के साथ ही विदेशी फलों की खरीदारी की। सूर्य षष्ठी पर दशी के साथ ही विदेशी फलों की •ाी लोगों के बीच डिमांड रही। देशी फलों की अपेक्षा विदेशी फल काफी महंगे रहे बावजूद इसके लोगों ने विदेशी फलों की खरीदारी की। दुकानों पर कई तरह के फल रहे। शहर के विशेश्वरगंज, सिगरा, कमच्छा, पहड़िया, लंका, अर्दलीबाजार, पांडेयपुर, दशाश्वमेध समेत शहर के कई अन्य जगहों पर फलों की दुकानें सजी रही। इसके साथ ही गन्ना (ईंख) की खरीदारी खूब हुई। ईंख की खरीदारी कर लोग उसे कंधों पर लाद कर ले जाते हुए दिखे। डाला छठ पर पूजन में ईख से ही मंडप बनाया जाता है।
करि अर्घ्य स्वीकार हे सुरुज देव...
शिव की नगरी में छठी मइया पूजी गईं











