वाराणसी में गंगा और वरुणा का जलस्तर घटा, वरुणा कॉरिडोर की हालत बदतर; अब बढ़ेगा क्रामक रोगों का खतरा बढ़ा

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। गंगा के साथ-साथ वरुणा में भी बीते 24 घंटे के भीतर जलस्तर में छह फीट की कमी दर्ज की गई है। तीन दिन पहले तक पूरी तरह जलमग्न रहा वरुणा कॉरिडोर अब धीरे-धीरे बाहर आने लगा है। पहले जहां सिर्फ रेलिंग का ऊपरी हिस्सा दिख रहा था, वहीं अब पानी रेलिंग से तीन फीट नीचे चला गया है। बाढ़ का पानी जैसे-जैसे नीचे उतर रहा है, संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खुजली, बुखार जैसी समस्याएं सामने आने लगी है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है।
जलस्तर घटने के साथ ही वरुणा कॉरिडोर की बदहाली उजागर हो रही है। शास्त्री घाट से लेकर नक्खी घाट तक कई जगहों पर रेलिंग टूट चुकी है। कॉरिडोर मार्ग पर लगे पत्थर बाढ़ की वजह से जगह-जगह उखड़ गए हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर सड़कें और संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त दिख रही हैं।
संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ा
बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही गंगा और वरुणा किनारे बसे क्षेत्रों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। कई इलाकों से खुजली, बुखार और अन्य जलजनित बीमारियों के मामले सामने आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।
30 हजार से अधिक आबादी प्रभावित
वरुणा और गंगा किनारे बसे इलाकों में बाढ़ से करीब 30 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। वरुणा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण 12 से अधिक मोहल्ले जलमग्न हो गए थे। जिला प्रशासन ने राहत अभियान चलाकर लगभग 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुंचाया। पानी तेजी से घटने के कारण अब राहत शिविरों में रह रहे लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। प्रशासन ने साफ-सफाई, कीटनाशक छिड़काव और स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि लौटते लोगों को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या न हो।