चार बार जीते मुस्लिम सांसद

चार बार जीते मुस्लिम सांसद

गाजीपुर । सीट पर 17 में से चार बार मुस्लिम सांसद जीते। जैनुल बशर ने 1980 और 1984 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। 2004 में सपा और 2019 में बसपा के टिकट पर अफजाल सांसद चुने गए थे। अफजाल अंसारी के पास रिकॉर्ड बनाने का मौका है। गाजीपुर संसदीय सीट के परिणाम पर इस बार सभी की निगाहें होंगी। इस सीट पर सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के पास रिकॉर्ड बनाने का मौका है। 1952 से लेकर 2019 तक के चुनाव परिणामों पर गौर करें तो दो ही मुस्लिम जैनुल बशर और अफजाल अंसारी इस सीट से सांसद चुने गए हैं। दोनों को दो-दो बार इस सीट से जीत मिली है अफजाल अंसारी के सामने इस चुनाव में हैट्रिक लगाने का मौका है। हालांकि भाजपा ने यहां अपने पत्ते नहीं खोले हैं। गाजीपुर सीट से समाजवादी पार्टी ने अफजाल अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि 2019 में अफजाल बसपा के टिकट पर यहां से जीते थे। भाजपा और बसपा ने यहां अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है।  पूर्व के चुनाव नतीजों की बात करें तो इस सीट से जैनुल बशर ने 1980 और 1984 में जीत दर्ज की थी। दोनों ही बार वे कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीते थे। 20 वर्ष बाद 2004 में सपा के टिकट पर अफजाल अंसारी सांसद बने। अफजाल दूसरी बार 2019 में बसपा के टिकट पर यहां से सांसद चुने गए। 2019 में अफजाल को सपा-बसपा गठबंधन का सीधा लाभ मिला था। इसी का नतीजा था कि भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को सवा लाख से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था। । अफजाल को 5,66,082 वोट हासिल हुए थे। मनोज सिन्हा पिछली बार से करीब डेढ़ लाख ज्यादा 4,46,690 वोट पाकर भी पीछे रह गए।


अफजाल के सामने सिन्हा के रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका
इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायने में निवर्तमान सांसद अफजाल अंसारी के लिए खास होगा। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा को हराने में कामयाब रहने वाले अफजाल के पास 25 वर्ष पुराने रिकॉर्ड की बराबरी का मौका है। यदि वो इस बार जीतते हैं तो मनोज सिन्हा के बाद गाजीपुर सीट से तीसरी बार लोकसभा जाने वाले सांसद होंगे।  साथ ही चौथे ऐसे सांसद बनेंगे जो लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज करेंगे। पांच बार विधायक और दो बार सांसद चुने गए अफजाल अंसारी 1985 में मुहम्मदाबाद से पहली बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से विधायक बने थे। उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और गाजीपुर के पहले सांसद सरजू पांडेय के सानिध्य में की। इसके बाद वर्ष 1996 तक लगातार पांच बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी हार गए। लेकिन, 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गाजीपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी ने पहली बार टिकट दिया । इस चुनाव में अफजाल अंसारी ने भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज की। इसके बाद अफजाल 2009 और 2014 में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा के सांसद मनोज सिन्हा को हराकर लोकसभा में पहुंचे।