वाराणसी में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, गंगा आरती और शवदाह स्थलों में होने लगा बदलाव
वाराणसी (रणभेरी): गंगा के जलस्तर में बढ़ाव तेज होने से कई प्रमुख घाटों का आपस में संपर्क टूट चुका है। गंगा का जलस्तर प्रतिदिन एक मीटर के करीब बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में हुई 67 मिलीमीटर बरसात से भी बढ़ाव में तेजी आई है।गंगा के जलस्तर की रफ्तार यही रही तो 24 घंटे में घाटों का संपर्क टूट सकता है। सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव का मंदिर देर शाम को जलमग्न हो गया। देर रात गंगा का जलस्तर 61.44 मीटर दर्ज किया गया। ऐसे में सबसे प्रमुख ललिता घाट से मणिकर्णिका मार्ग बंद हो चुका है। बाढ़ के चलते एक दो दिनों में सभी प्रमुख घाटोंं का आपसी संपर्क टूट जाएगा और गंगा का किनारे का घाट क्षेत्र पूरी तरह गंगा के प्रवाह में डूब जएगा। इसकी वजह से गंगा में सावन भर स्नान के साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ और जल पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
गंगा के पानी का रंग भी मटमैला हो चुका है। शीतला घाट के आरती स्थल तक गंगा पहुंच चुकी हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह आठ बजे तक गंगा के जलस्तर में चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार थी जो शाम को तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा पहुंच गया।

नाविकों ने बताया कि गंगा के जलस्तर की यही रफ्तार रही तो अगले 24 घंटों में घाटों का आपसी संपर्क टूट जाएगा। सप्ताह भर में आरती का स्थल भी बदलना पड़ सकता है। गंगा में बढ़ाव के साथ ही वरुणा में भी पलट प्रवाह शुरू हो गया है। केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 61.14 मीटर था। दोपहर 12 बजे 61.28 मीटर, दो बजे 61.32 मीटर और शाम को छह बजे 61.40 मीटर तक पहुंच गया। 10 घंटे में गंगा का जलस्तर 26 सेंटीमीटर बढ़ गया। रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 61.44 मीटर तक पहुंच गया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले चौबीस घंटों में काशी में एक मीटर से अधिक जलस्तर बढ़ेगा। गंगा में बढ़ाव को देखते हुए जल पुलिस और एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है।











