स्पा सेंटरों की आड़ में काशी की पवित्रता को कलंकित करता देह व्यापार

स्पा सेंटरों की आड़ में काशी की पवित्रता को कलंकित करता देह व्यापार

धर्मनगरी काशी में फिर बेनकाब हुआ सेक्स रैकेट, एडीसीपी वरुणा की छापेमारी में भंडाफोड़ 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। आध्यात्म, संस्कृति और ज्ञान की नगरी कही जाने वाली काशी आज शर्मसार हो रही है। वाराणसी में स्पा सेंटरों की आड़ में खुलेआम देह व्यापार का गंदा धंधा फल-फूल रहा है। शहर के पॉश इलाकों से लेकर प्रमुख बाजारों तक दर्जनों ऐसे स्पा सेंटर चल रहे हैं जो बाहर से भले ही वैलनेस और ब्यूटी ट्रीटमेंट का बोर्ड लगाए रहते हैं, लेकिन भीतर देह व्यापार का पूरा नेटवर्क सक्रिय है। पुलिस और प्रशासन की उदासीनता या फिर मिलीभगत के चलते यह गोरखधंधा तेजी से पांव पसार रहा है। बीते कुछ महीनों में पुलिस ने लंका, सिगरा, भेलूपुर और महमूरगंज जैसे इलाकों में छापेमारी कर कई स्पा सेंटरों से लड़कियों और युवकों को आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार किया। लेकिन ये कार्रवाई महज दिखावे की साबित हुई हैं क्योंकि कुछ ही दिनों में वही सेंटर फिर से चालू हो जाते हैं। इस पूरे खेल में कुछ सफेदपोशों और पुलिस अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। कार्रवाई के नाम पर केवल रस्मअदायगी होती है, असली सरगनाओं तक न तो कानून का हाथ पहुंचता है और न ही प्रशासन की नजर। काशी की पवित्रता को कलंकित करता यह धंधा अब खुली चुनौती बन चुका है, न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए, बल्कि शहर की आत्मा और उसकी संस्कृति के लिए भी।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन स्पा सेंटरों के खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थीं, लेकिन पुलिस ने कभी संजीदगी से कार्रवाई नहीं की। कुछ लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि हर महीने हफ्ता पहुंचता है, इसलिए आंखें मूंदी जाती हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या वाराणसी जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में पुलिस को स्पा सेंटरों की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट की भनक नहीं होती? अगर होती है, तो कार्रवाई क्यों नहीं होती और अगर नहीं होती, तो यह खतरनाक लापरवाही है।

खतरे में महिला सुरक्षा और सामाजिक ताना-बाना 

इन सेंटरों में काम करने वाली कई लड़कियां मजबूरी, लालच या धोखे में फंस जाती हैं। कुछ को बाहर से काम दिलाने का झांसा देकर लाया जाता है और बाद में देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। यह न सिर्फ महिला सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के भी खिलाफ है। अब सवाल उठता है कि क्या वाराणसी प्रशासन, नगर निगम और पुलिस मिलकर इस गंदे कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे या फिर काशी की पवित्रता को ऐसे ही दागदार होने दिया जाएगा ? एडीसीपी स्तर की छापेमारी सराहनीय है, लेकिन अगर सिस्टम में बैठे अन्य अधिकारी भी गंभीरता दिखाएं तो यह धंधा जड़ से खत्म हो सकता है। काशी जैसे सांस्कृतिक केंद्र में स्पा की आड़ में फल-फूल रहे सेक्स रैकेट पर अब अंकुश जरूरी है, ताकि यह धार्मिक नगरी शर्मसार न हो और उसकी गरिमा बची रहे। प्रशासन को यह तय करना होगा कि वह सिर्फ दिखावटी कार्रवाई करेगा या वास्तव में इस गंदे खेल पर सख्ती से लगाम लगाएगा।

शहर में 100 से ज्यादा संदिग्ध स्पा सेंटर

सूत्रों की मानें तो वाराणसी में 100 से ज्यादा ऐसे स्पा सेंटर हैं, जिनकी कोई ठोस निगरानी नहीं है। इनमें से कई सेंटर आवासीय क्षेत्रों में चलते हैं और देर रात तक खुले रहते हैं। कुछ तो बगैर किसी लाइसेंस के ही संचालित हो रहे हैं। नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से ये अवैध गतिविधियां परवान चढ़ रही हैं। जानकारों का कहना है कि इस अवैध धंधे में मोटा पैसा चलता है। ग्राहकों में स्थानीय रसूखदारों से लेकर बाहरी पर्यटक भी शामिल होते हैं। इसीलिए इन स्पा सेंटरों के संचालकों को राजनीतिक और पुलिस संरक्षण भी प्राप्त होता है। कई मामलों में देखा गया है कि गिरफ्तारी के बाद भी कुछ ही दिनों में आरोपित जमानत पर बाहर आ जाते हैं और दोबारा वही धंधा शुरू कर देते हैं।

एडीसीपी की छापेमारी में खुली पोल

शुक्रवार को एडीसीपी वरुणा जोन नीतू कादयान ने कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत महावीर मंदिर के पास स्थित प्रीतम कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में संचालित स्पॉ सेंटर पर छापेमारी कर सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से तीन युवतियों और दो युवकों को आपत्तिजनक स्थिति में गिरफ्तार किया, जबकि सेंटर का संचालक मनीष दीक्षित फरार हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एडीसीपी को इस सेंटर में देह व्यापार चलने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना की पुष्टि होते ही उन्होंने कैंट पुलिस के साथ छापा मारा। बेसमेंट में बने अलग-अलग केबिन में आपत्तिजनक गतिविधियां हो रही थीं। गिरफ्तार युवकों में पंकज चौबे भी शामिल है, जो पूर्व में लंका थाने से इसी तरह के मामले में जेल जा चुका है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट का संचालन सोशल मीडिया के माध्यम से होता था, जहां ग्राहकों से संपर्क कर उन्हें बुलाया जाता था। फिलहाल फरार संचालक की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पूर्व भोजूबीर स्थित एक अन्य स्पॉ सेंटर में भी एडीसीपी नीतू कादयान ने छापेमारी की थी, जहां से कई युवक-युवतियां आपत्तिजनक अवस्था में पकड़े गए थे। तब सेंटर मैनेजर अक्षय वर्मा समेत कई आरोपियों को जेल भेजा गया था। काशी जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी में स्पॉ सेंटरों की आड़ में फैलता यह देह व्यापार न केवल यहां की पवित्र छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि सामाजिक वातावरण को भी दूषित कर रहा है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि ऐसे गैरकानूनी सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर जल्द से जल्द इन्हें बंद करवाया जाए।