चैतन्य मठ के जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा

चैतन्य मठ के जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा

वाराणसी (रणभेरी): एक तरफ जहां योगी सरकार भूमाफियाओं पर बुलडोजर चलाकर उनके गलत मंसूबो को नेस्तोनाबूद कर रहे हैं वहीं मठ मंदिरों के जमीन पर अवैध कब्जा और निर्माण कराने के वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हकीकत यह है अधिकारियों के मिलीभगत से आज भी कई मठ मंदिरों पर दबंगों का कब्जा है। 

इतना ही नहीं बल्कि मठ के कब्जे वाले जमीन पर भूमाफियाओं ने बहुमंजिला इमारत खड़ी कर भव्य व्यवसायिक भवन जो केशरी सिंथेटिक नाम से है, तक का निर्माण करा लिया पर कोई रोकने टोकने वाला नहीं हुआ। जी हां, हम बात कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विश्वनाथ कॉरिडोर से ठीक सटे भंडारी गली स्थित चैतन्य मठ की, जिसके जमीन पर एक व्यवसायी ने गलत तरीके से लीज अपने नाम करवाकर मठ के जमीन पर व्यावसायिक भवन बनवा लिया और व्यवसाय कर रहा। इस सन्दर्भ में जब स्थानीय निवासी डॉ. एसपी पांडेय ने पूर्व में शिकायत की तो जिला प्रशासन, निगम और वीडीए ने माना कि वास्तव में इस मठ का कोई वारिस नहीं है और मठ के जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराया गया हैं। 

कई बार जांच के आदेश भी दिए गए पर जिसे भी जांच का आदेश दिया गया वह रसूखदार व्यवसाई के हाथों अपनी जेब गर्म करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। डॉ. पांडेय के अनुसार मठ की जमीन को जिसने बेचा वह गलत तरीके से लीज अपने नाम करवाकर व्यापारी को बेच दिया जबकि दरअसल में वह मठ का वारिस है ही नहीं। आज भी नगर निगम के अभिलेखों में चैतन्य मठ   स्वामी भास्करानंद के नाम दर्ज है। स्वामी भास्करानंद ने अपना कोई उत्तराधिकारी चुना ही नहीं। कूटरचित तरीकों से चकिया का रहने वाला एक दबंग खुद को स्वामी गुप्तानंद बनकर मठ का महंत बन गया जबकि वह कभी मठ का महंत रहा ही नहीं। धूर्त गुफुत नाथ ने चालबाजी से मठ के जमीन को लीज पर गुलाब केशरी को बेच दिया।

जिस मठ के जमीन पर केशरी अवैध तरीके से कब्जा करके केशरी सिथेंटिक नाम से व्यवसाय कर रहा। दरअसल में उसके पास मठ के स्वामित्व संबंधी कोई प्रमाण है ही नहीं। सूत्रों की माने तो केवल मठ के जमीन पर ही भवन निर्माण नहीं है बल्कि सड़क का लगभग चार फीट का हिस्सा भी उक्त व्यवसाई के कब्जे में है। दुकान के बाहर गाड़ियों की भीड़ सड़क पर होती है जिससे आने जाने वाले राहगीरों को परेशानी होती लेकिन स्थानीय प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। रसूख के आगे भूमाफियाओं का बोलबाला है। अब देखना है कि जिस योगी सरकार ने मंदिर-मठों को कब्जामुक्त कराने और भूमाफियों पर बुलडोजर चलाने का प्रण लिया वह किस तरीके से चैतन्य मठ को कब्जा मुक्त करवाते हैं।