गंगा आरती के नाम पर श्रद्धालुओं संग ठगी!  

गंगा आरती के नाम पर श्रद्धालुओं संग ठगी!  
गंगा आरती के नाम पर श्रद्धालुओं संग ठगी!  

वाराणसी (रणभेरी)। काशी अनादि काल से ही तीर्थयात्रियों और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। काशी में हमेशा से ही लोगों का आना-जाना लगा रहा है। यह बात और है कि जबसे काशी विश्वनाथ मंदिर का सुंदरीकरण (विश्वनाथ कॉरिडोर) हुआ है, तब से पर्यटकों के आवागमन मे कई गुना बढ़ोतरी हुई है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के साथ ही गंगा आरती देखना सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र इन दिनों बना हुआ है। वैसे तो काशी के सभी गंगा घाटों पर आरती होती है लेकिन प्रमुख रूप से दशाश्वमेध घाट की आरती और अस्सी घाट की आरती बाहर से आए हुए लोगों के लिए अधिक आकर्षण का केंद्र है। गंगा आरती के प्रति पर्यटकों में बढ़ते आकर्षण को देखते हुए अब उनको दिखाने के नाम पर दर्शनार्थियों के साथ ठगी भी किया जाने लगा है। रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट पर उतरने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ वहीं से ठगी का मायाजाल फैलाना यह ठग शुरू कर देते हैं और उनका जमकर आर्थिक शोषण कर रहे हैं। ऑटो वाले टैक्सी वाले और नविको के गठजोड़ से यात्रियों के साथ जमकर ठगी की जा रही है। जानकारी के अनुसार जो बाहर से यात्री  रेलवे स्टेशनों पर उतरते हैं उनको कोई जानकारी होती नहीं है कि उनको गंगा आरती देखने के लिए कहां जाना है। वह ऑटो वालों से पूछते हैं तो वे कहते हैं कि हम आपको गंगा आरती दिखाने की व्यवस्था कर देंगे और अपने आटो में बैठाकर दशास्वमेध घाट और अस्सी घाट के बगल वाले घाट पर छोड़ देते हैं। पहले तो पर्यटक घाट पर बैठकर वहां का नजारा देखता है लेकिन जब आरती शुरू नहीं होती है तो वह लोगों से पूछता है कि आरती कब शुरू होगी तो स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है की आरती यहां पर नहीं होता है, इसके बगल वाले घाट पर होता है। इसके बाद वह मजबूर होकर वहां पर खड़े नविको के चंगुल में फंसकर नाव  बुक करा कर गंगा आरती देखने के लिए मजबूर हो जाता है। नाविको व ऑटो चालकों द्वारा यात्रियों का जमकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है और कभी-कभी तो मारपीट की नौबत भी आ जा रही है। परेशान यात्री थानों में इसकी शिकायत भी दर्ज करा रहे हैं । नगर के कई थानो में दर्जनों केस दर्ज भी कराए गए हैं। इतना ही नहीं है ठगो का यह गठजोड़ मंदिर में दर्शन पूजन करने के नाम पर भी बाहर से आए हुए पर्यटकों का  जमकर शोषण कर रहे है। काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर संकट मोचन मंदिर सहित आसपास के पर्यटक स्थलों पर घूमने के नाम पर इन लोगों का जमकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। सबसे बड़ी बातें है कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण यहां पर सभी विभागों के आलावा अधिकारियों की पूरी फौज कागज पर कार्य कर रही हैं। पर्यटन विभाग के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी दिन रात काम करने का दावा भी कर रहे हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी के बाद भी अगर इस तरह की ठगी हो रही है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है। कई लोगों ने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि कि इसमें कहीं ना कहीं पर्यटन विभाग के अधिकारी पुलिस विभाग के कर्मचारी सहित पर्यटन से जुड़े कुछ लोग भी इन लोग का साथ दे रहे हैं , जिसके कारण यह ठगी का मायाजाल खूब फल-फूल रहा है।