दर्शन के नाम पर वसूली का खेल उजागर, काशी और काल भैरव मंदिर से 10 दलाल गिरफ्तार
वाराणसी (रणभेरी): काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव मंदिर में दर्शन कराने के नाम पर सक्रिय दलालों पर आखिरकार पुलिस ने कड़ा शिकंजा कस दिया। मंदिर परिसर में फूल-माला की दुकानों से सांठगांठ कर ये दलाल भक्तों को रोककर गर्भगृह के विशेष दर्शन का महत्व बताते और प्रति व्यक्ति 500 से 1100 रुपये तक वसूलते थे। शिकायतें बढ़ने पर कोतवाली पुलिस ने रविवार को अभियान चलाकर इस अवैध वसूली में लिप्त 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, अपराध नियंत्रण अभियान के तहत पुलिस आयुक्त के निर्देश, पुलिस उपायुक्त काशी जोन के पर्यवेक्षण तथा सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली और प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान पकड़े गए आरोपियों में सोनू कनौजिया (19), रुद्र उर्फ विवेक (21), संतोष कुमार (19), साहिल मिश्रा (18), रंजीत (36), अभिषेक यादव (32), विपिन शर्मा (18), रोशन ठाकुर (18), हर्ष सिंह (28) और चन्द्रलोकीनाथ (35) शामिल हैं। सभी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है।
स्थानीय लोगों और दर्शनार्थियों के अनुसार, लंबे समय से मंदिर परिसर में बाहरी दलालों ने जड़ जमा ली थी। फूल-माला बेचने वालों से लेकर गर्भगृह तक पहुंचने वाले रास्तों पर इनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि आम श्रद्धालु घंटों लाइन में लगकर भी सामान्य दर्शन तक नहीं कर पाता था। सामान्य दिनों में डेढ़ से दो घंटे तक लाइन में लगने के बाद भी भक्तों को गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन करना पड़ता था। लेकिन दलालों को रुपये देने पर खेल बदल जाता था, ये लोग सुरक्षा कर्मियों से संपर्क कर दो मिनट में भक्तों को सीधे गर्भगृह तक पहुंचा देते थे। इतना ही नहीं, गर्भगृह में बाबा के साथ फोटो खिंचवाने के भी अलग रेट तय थे। मंदिर से बाहर निकलते समय भारी फूलों की माला पहने दिखाई देने वाले भक्तों की पहचान भी दलालों से प्रभावित मानी जाती थी। अनुमान है कि ऐसे 90 प्रतिशत भक्त दलालों के माध्यम से ही गर्भगृह तक पहुंचते थे।
शिकायतों के अनुसार, मंदिर के बाहर प्रसाद-माला बेचने वाले कई दुकानदार भी इस रैकेट का हिस्सा थे। वे भक्तों को पहले अपने घेरे में लेते और फिर विशेष दर्शन के नाम पर दलालों के हवाले कर देते थे। इससे रोजाना हजारों रुपये की अवैध कमाई होती थी, जबकि आम श्रद्धालु को लंबी लाइन और अव्यवस्था का सामना करना पड़ता था। पुलिस की इस कार्रवाई से श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि दलाली और अवैध वसूली के कारण बाबा काल भैरव जैसे महत्वपूर्ण मंदिर की छवि खराब हो रही थी। लोगों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन को नियमित निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए। पुलिस अधिकारियों ने भी स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों पर किसी भी तरह की अवैध वसूली, शोषण या भक्तों की आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगे भी ऐसे अभियानों को जारी रखा जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को बिना भय और बिना बाधा के दर्शन-पूजन का अधिकार मिल सके।











