न लाइन खींची, न मीटर लगाया- भेज दिया 2 लाख रुपये का बिजली बिल

 न लाइन खींची, न मीटर लगाया- भेज दिया 2 लाख रुपये का बिजली बिल

गोरखपुर ।  बिजली निगम में एक से बढ़कर एक कारनामे हो रहे हैं। एक उपभोक्ता ने सीएम से शिकायत की है कि उसके घर तक न तो बिजली के खंभे से लाइन खींची गई और न ही परिसर में मीटर लगा, लेकिन करीब दो लाख रुपये का बिल भेज दिया गया। आरोप है कि आवेदन के बाद पहले परिसर में बिना मीटर लगाए ही पीला कागज देने की बात कही गई। मना करने पर बताया कि कनेक्शन का संयोजन संख्या निरस्त हो गया है। नए संयोजन के बाद ही मीटर लगेगा। 2022 में सूरजकुंड के तत्कालीन एसडीओ ने बुलाकर कनेक्शन के नाम पर लाखों रुपये का बिजली बिल बनने की बात कही। समझौते के बाद 2024 में अचानक उसी कनेक्शन (निरस्त) के नाम पर एक लाख 95 हजार रुपये का बिल भेज दिया। पीड़ित का कहना है कि उसने अपने परिसर में पिता के नाम से एक अगस्त 2019 को एलएमवी टू के तहत पांच किलोवाट वाणिज्यिक श्रेणी के लिए बिजली कनेक्शन (1623811185) का आवेदन किया था। कनेक्शन शुल्क भी जमा कर दिया। इसी बीच तबीयत खराब होने से पिता का निधन हो गया। इसके बाद बिजली निगम के उपखंड कार्यालय सूरजकुंड गए तो उपखंड के एक जेएमटी (मीटर परीक्षण) मिले और फर्जी मीटर का पेपर देकर बोले- इसे रख लो, अगले दिन परिसर में मीटर भी लग जाएगा।
विज्ञापन पीड़ित ने बिना मीटर लगे और लाइन खींचे पेपर लेने से मना कर दिया। तब जेएमटी ने बताया कि कनेक्शन का आवेदन निरस्त हो गया है। नए कनेक्शन की स्वीकृति के बाद ही दूसरा मीटर लगेगा। इसी बीच कोरोना का संक्रमण शुरू हो गया और मामला शांत हो गया। सब कुछ सामान्य होने के बाद उपभोक्ता एक बार फिर बिजली निगम में संपर्क कर अपने नए कनेक्शन के लिए प्रयास किया। तब उपखंड के तत्कालीन जिम्मेदारों ने कंप्यूटर देखकर उसके पिता के नाम से बिजली कनेक्शन संचालित होने की बात कही। इस पर कनेक्शन की पूरी कहानी बताई और कहा कि परिसर में टीम भेजकर जांच भी करवा सकते हैं। बिजली निगम ने टीम भेजी, जिसमें बताया कि न बिजली खंभे से लाइन गई है और न ही मीटर लगा है। इसपर एसडीओ ने समझौते की बात कही। समझौता करने के बाद उसी परिसर में 24 अगस्त 2022 को एसडीओ की तरफ से नया बिजली कनेक्शन भी जारी कर दिया गया। इसका बिजली बिल भी समय से जमा होता है। इसी बीच निगम की तरफ से अभी कुछ दिन पहले सूचना दी गई कि पुराने कनेक्शन संख्या पर 1,95,948 रुपये का बिजली बिल बकाया है। पूछने पर पता लगा कि नए कनेक्शन संख्या के साथ पुराने को जोड़कर बिजली बिल भेजा जा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि बिल सही करवाने के लिए समझौते के तहत संपर्क करने के लिए दौड़ाया जा रहा। आजिज आकर उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री से शिकायत की है। आरोप लगाते हुए कहा कि जब लाइन नहीं खींची गई, मीटर नहीं लगा, बिजली का उपभोग किया ही नहीं तो करीब दो लाख रुपये का बिजली बिल क्यों जमा करें।

ऐसे ही मामले में हो चुकी है गिरफ्तारी
सूरजकूंड में ठीक ऐसे ही एक मामले में एक लिपिक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। उपभोक्ता के परिसर में बिना मीटर और लाइन खींचे ही बिजली कनेक्शन का दावा किया जा रहा था। समझौते के तहत उपभोक्ता से रुपये की मांग की जा रही थी। उपभोक्ता ने आजिज आकर विजिलेंस से संपर्क कर उपखंड के लिपिक को रंगे हाथों घूस की रकम लेते गिरफ्तार करवा दिया था।
 मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि दोनों संयोजन संख्या की जांच करवा ली जाएगी। अगर पहला आवेदन निरस्त हो गया था तो उस पर बिजली बिल बनना ही नहीं चाहिए। ऐसे आरोप से निगम की छवि खराब होती है। जांच में लापरवाही मिली तो कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।