गंगा में अक्षय पुण्य की लगाई डुबकी,दान दक्षिणा देकर सुख समृद्धि की कामना की

गंगा में अक्षय पुण्य की लगाई डुबकी,दान दक्षिणा देकर सुख समृद्धि की कामना की
गंगा में अक्षय पुण्य की लगाई डुबकी,दान दक्षिणा देकर सुख समृद्धि की कामना की

वाराणसी (रणभेरी सं)। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि जिसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है पर शुक्रवार को गंगा में श्रद्धालुओं ने अछय पुण्य की डुबकी लगाई । पुराणों में ऐसी मान्यता है कि आज के जो भी शुभ काम किया जाता है वह अछय जिसका कभी छय ना हो, हो जाता है।  इसी की कामना को लेकर आज प्रात: काल गंगा में नहाने वालों की भारी भीड़ लगी हुई थी लोग गंगा में अक्षय पुण्यकी डुबकी लगायी। गंगा स्नान के बाद घाट के उपस्थित तिरुपुर तीर्थ पुरोहितों को मिट्टी का बना घड़ा, बेल पंखा आदि का दान पुण्य किया। पंडित अनिल उपाध्याय ने बताया कि पुराणों में ऐसा वर्णन है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को जिसे हम अछय तृतीया के नाम से भी जानते हैं पर जो भी काम किया जाए वह अछय हो जाता है।  मतलब कभी जिसका छय ना हो।  आज के दिन जो भी शुभ काम किया जाता है वह बहुत ही फलदाई होता है। आज के दिन मिट्टी की सुराही, पंखा छाता  आदि दान करने से पूर्ण की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि आज का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है और आज के दिन हर काम सिद्ध होता है । गंगा घाटों पर नहाने वालों की भारी भीड़ लगी हुई थी लोग गंगा में स्नान कर दान पुण्य करने के साथी मंदिरों में दर्शन पूजन भी किया ।वहीं दूसरी तरफ घाटों पर सुरक्षा के नाम पर आज जल पुलिस कहीं दिखाई नहीं दे रही थी। लोग गहरे पानी में जाकर तैर रहे थे और काफी उछल-कूद  भी पानी में मचा रहे थे लेकिन जल पुलिस द्वारा सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी वह मात्र जेटी लगाकर चलते बने। वही अक्षय पुण्य की  की लगी डुबकी काशी धाम परिसर में परिसर में स्थित श्री हरि विष्णु जी का बद्री नारायण स्वरूप का हुआ  । वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि जिसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है पर शुक्रवार को गंगा में श्रद्धालुओं ने अछय पुण्य की डुबकी लगाई । पुराणों में ऐसी मान्यता है कि आज के जो भी शुभ काम किया जाता है वह अछय जिसका कभी छय ना हो, हो जाता है।  इसी की कामना को लेकर आज प्रात: काल गंगा में नहाने वालों की भारी भीड़ लगी हुई थी लोग गंगा में अक्षय पुण्यकी डुबकी लगायी। गंगा स्नान के बाद घाट के उपस्थित तिरुपुर तीर्थ पुरोहितों को मिट्टी का बना घड़ा, बेल पंखा आदि का दान पुण्य किया। पंडित अनिल उपाध्याय ने बताया कि पुराणों में ऐसा वर्णन है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को जिसे हम अछय तृतीया के नाम से भी जानते हैं पर जो भी काम किया जाए वह अछय हो जाता है। मतलब कभी जिसका छय ना हो।  आज के दिन जो भी शुभ काम किया जाता है वह बहुत ही फलदाई होता है। आज के दिन मिट्टी की सुराही, पंखा छाता  आदि दान करने से पूर्ण की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि आज का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है और आज के दिन हर काम सिद्ध होता है । गंगा घाटों पर नहाने वालों की भारी भीड़ लगी हुई थी लोग गंगा में स्नान कर दान पुण्य करने के साथी मंदिरों में दर्शन पूजन भी किया । वहीं दूसरी तरफ घाटों पर सुरक्षा के नाम पर आज जल पुलिस कहीं दिखाई नहीं दे रही थी। लोग गहरे पानी में जाकर तैर रहे थे और काफी उछल-कूद  भी पानी में मचा रहे थे लेकिन जल पुलिस द्वारा सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी वह मात्र जेटी लगाकर चलते बने। 


अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर आज श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित श्रीहरि विष्णु के बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य श्रृंगार किया गया

परम्परा के निर्वाह में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा आज ही के दिन से पवित्र श्रावण मास तक श्री विश्वनाथ जी के विग्रह पर कुंवरा  भी प्रतिवर्ष की भांति लगाया गया है। अक्षय तृतीया के पावन सनातन पर्व पर समस्त सनातन विश्व को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की अशेष शुभकामनाएं, श्रीहरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी की सतत् कृपा आप सब पर बनी रहे। भगवान बद्रीनारायण सदा सहाय हों। श्री काशी विश्वनाथ धाम में पधार सकने वाले समस्त सनातनधर्मी आज आयोजित विद्वत् संगोष्ठी में सम्मिलित हो स्वधर्म ज्ञान प्राप्ति हेतु सादर आमंत्रित हैं। गोष्ठी की  परिचर्चा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के आधिकारिक  चैनल पर भी उपलब्ध रहेगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास समस्त सनातन विश्व के समग्र कल्याण की कामना करता है।