गंगा तट पर उमड़ा आस्था का सागर: 25 लाख दीपों से जगमगाई काशी, गूंज उठा हर-हर महादेव
वाराणसी (रणभेरी): कार्तिक पूर्णिमा की पावन संध्या पर काशी नगरी ने एक बार फिर अपनी दिव्यता से समूचे संसार को आलोकित कर दिया। बुधवार की शाम जब सूर्य पश्चिम में ढल रहा था, तभी गंगा के दोनों किनारों पर करोड़ों दीपों की रौशनी ने ऐसा नज़ारा रचा, मानो धरती पर देवलोक उतर आया हो।
गंगा के 84 घाटों और 96 कुंडों पर एक साथ प्रज्ज्वलित हुए करीब 25 लाख दीपकों ने जलधारा के साथ मिलकर आस्था का ऐसा दृश्य निर्मित किया, जिसने हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर दिया। नमो घाट से लेकर सामने घाट तक दीपमालाओं की कतारें दूर तक फैल गईं हर लौ में श्रद्धा की चमक और भक्ति की ऊष्मा झलक रही थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर पहला दीप जलाकर देवदीपावली उत्सव का शुभारंभ किया। मां गंगा से प्रदेश की समृद्धि और जनकल्याण की कामना के बाद वे क्रूज से घाटों की अलौकिक छटा निहारते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंचे। वहां उन्होंने भव्य गंगा आरती में भाग लिया, जहां हजारों दीपों की लौ और आरती के स्वर मिलकर ऐसा दिव्य वातावरण बना रहे थे, जैसे स्वयं देवता गंगा तट पर विराजमान हों।
दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा, चेतसिंह, नमो और प्राचीन दशाश्वमेध सहित 53 प्रमुख घाटों पर एक साथ गंगा महाआरती संपन्न हुई। 21 बटुक ब्राह्मणों और 42 देवकन्याओं ने एक स्वर में मां गंगा की आरती उतारी। मंत्रोच्चार, शंखनाद और घंटियों की मधुर ध्वनि ने संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक माधुर्य से भर दिया। घाटों पर उमड़ी भीड़ हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजती रही।
चेतसिंह किला घाट पर आयोजित ‘काशी कथा’ थ्रीडी लेज़र शो ने शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक वैभव को जीवंत कर दिया। वहीं, गंगा पार रेती पर रंग-बिरंगे आतिशबाज़ी शो ने आकाश को दीपों की तरह जगमग कर दिया। नावों और बजड़ों पर बैठे श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य को कैमरे में कैद करने के साथ मन में संजोते नज़र आए।
काशी विश्वनाथ धाम को फूलों से सजाया गया था गुलाब, गेंदे और रजनीगंधा की खुशबू ने हवा को भी पावन बना दिया। हर ओर रौशनी, श्रद्धा और उल्लास का संगम था। देवदीपावली की इस अलौकिक रात ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि जब गंगा के तट पर दीप जलते हैं, तो वे केवल मिट्टी के नहीं होते—वे काशी की आत्मा में जलती आस्था, एकता और सनातन संस्कृति की ज्योति होते हैं। इस रात काशी सचमुच देवों की दीपावली बन गई।











