करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल हो रहे युवा

करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल हो रहे युवा

 हारने के बाद मानसिक तनाव अलग, लाखों युवा इस फंतासी गेम के शिकार

वाराणसी (रणभेरी सं.)। आईपीएल ड्रीम 11 एक ऐसा खेल है जो 49 रुपए में युवाओं को रातों रात करोड़पति बनने का सपना दिखा रहा है। इस चक्कर में लाखों युवाओं को इस खेल की लत लगी हुई है और अपनी वर्षो की मेहनत की कमाई को यूं ही बर्बाद करने में लगे हुए हैं। सरकारी क्षेत्र में तैनात कर्मचारी भी इसका शिकार बनते जा रहे है। आखिर बने भी क्यों न दिन में कोई चैनल खोल लो ड्रीम 11 का विज्ञापन पल पल आपके आंखों के सामने चलता रहेगा। हां लास्ट में यह जरूर बोलते है कि ह्लइसमें वित्तीय जोखिम हैह्व। मगर बार बार बड़े बड़े क्रिकेटर इन्फ्लूएंसर इसकी एड करते है। और जब आसपास कोई आदमी करोड़पति बनता है तो दिमाग का कीड़ा और जाग जाता है कि जब यह जीत सकता है तो मैं क्यों नहीं जीत सकता हूं। देखा देखी में एक नहीं बहुत सी टीमें लगाकर करोड़पति बनने की फिराक में रहते है। लालच आता ही है। लेकिन यह लालच न आए उसके दृढ़ शक्ति बहुत कमजोर होती है। आपके आसपास भी ऐसे कई होंगे जो ड्रीम 11 पर इसका शिकार हो रहें है। 49 रुपए लगा कर करोड़पति बनने का सपना जब टूट जाए तो कहते है 49 रुपए ही तो गए लेकिन 49 भी तो मुफ्त में गए क्योंकि सामने वाले तो पहले ही बोला था वित्तीय जोखिम है लेकिन आपने नहीं सुनी। करोड़पति बनने के लिए एक नहीं कई कई टीमें लगाकर इंतजार में बैठे रहते है और बाद में वो पैसे भी डूब रहें है। युवा पीढ़ी के साथ साथ कई बुद्धिजीवी भी प्रतिदिन हजारों रुपए इस खेल में लगाने लगा रहे इस खेल में प्रतिदिन पैसे की बबार्दी देख मानसिक तनाव से पीड़ित हो रहें है। वहीं छोटी-छोटी बातों पर परिजनों से नोक झोंक होने लग गई। एक व्यक्ति ने बताया कि इस खेल में अब तक 17000 रुपये लगाकर हार चुका था। इसके बाद उसे महसूस हुआ कि यह कुछ नही है सिर्फ बबार्दी का खेल है और इस खेल को खेलना बंद कर दिया। उस दिन से के बाद से बिल्कुल स्वस्थ होने के साथ परिजन बेहद खुश है। यह बहुत ही खतरनाक बीमारी के तौर पर उभर रही है। इस खेल पर समय रहते रोल लगानी होगी या फिर कोई और स्थाई समाधान ढूंढना होगा। अन्यथा वित्तीय जोखिम के साथ साथ मानसिक बीमारी को जन्म का कारण बनने लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम 11 आॅनलाइन फैंटेसी स्?पोर्ट्स गेम पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने राजस्?थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा था क?ि ड्रीम 11 आॅनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स गेम जुआ नहीं है। ड्रीम 11 के खिलाफ दाखिल याचिका को हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था, जिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन समाधान है इसकी गिरफ्त में आकर लोग बेवजह अपना पैसा न गवाएं। जब लोग जागरूक होंगे तो करोड़पति बनने की चाह में शिकार नहीं होंगे। अगर ड्रीम 11 सही हैं तो सट्टा और जुआ भी लीगल ही करना पड़ेगा।

क्या है ड्रीम 11

ड्रीम 11 एक ऐसी ऐप है, जिसपर लोग किसी भी मैच से पहले अपनी क्रिकेट टीम बनाते हैं यानी दोनों टीमों की खिलाड़ियों से अपने मन के हिसाब से खिलाड़ी चुनते हैं और फिर पॉइंट्स के आधार पर उन्हें पैसे मिलते हैं। इस ऐप की शुरूआत साल 2016 में हुई थी और माना जाता है कि इस तरह के गेम के लिए यह ऐप सेफ है। 

साथ ही जितने भी लोग इसमें टीम बनाते हैं, उनके पॉइंट्स की रैंक के आधार पर उन्हें पैसे मिलते हैं। इसके माध्यम से आप क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के मैच में भी टीम बनाते हैं, जिनका पॉइंट सिस्टम अलग अलग है। कुछ इसके पक्ष में होंगे कुछ इसके खिलाफ में होंगे। बेहतर होगा कि रातों रात करोड़पति बनने के ख्वाब में कंगाल होने से बचे।

आनलाइन रियल मनी गेमिंग एप की जाल में फंसकर जिले के 40 प्रतिशत से अधिक टीन एजर्स व यूथ अपना करियर बर्बाद कर रहे हैं। अपने माता- पिता के द्वारा देखे गए डॉक्टर ,इंजीनियर, आइएएस व आइपीएस बनाने सपना पर पानी फेर रहे हैं। आलम यह है कि जिले में 14 से 35 साल के बीच के हर 10 लड़कों में से चार आॅनलाइन गेमिंग के जाल में फंस चुके हैं। रियल टाइम में ज्यादा- ज्यादा रुपये कमाने की चाह में लड़के अपने मां- बाप के अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। बर्बाद होने के बाद यूथ के सुसाइड तक पहुंचने की नौबत आ रही है। आॅनलाइन गेम की लत इतना जकड़ लिया कि कई यूथ गेम में पैसा लगाने के चक्कर में अपराध के दलदल में फंस रहे हैं। आॅनलाइन गेमिंग एप पर ना तो सरकार का कोई नियंत्रण है और ना ही इसपर रोकथाम के लिए कोई ठोस उपाय किया जा रहा है।