क्यों वाराणसी कोर्ट में लाए गए अमिताभ ठाकुर? जानें विवादित वीडियो का सच !
वाराणसी (रणभेरी): पूर्व आईपीएस अधिकारी और आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया। बॉडी प्रोटेक्टर और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मियों के घेरे में उन्हें कोर्ट परिसर के भीतर ले जाया गया। सुरक्षा इंतज़ाम इतने कड़े थे कि कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील नजर आया।
स्पेशल सीजेएम कोर्ट में हुई पेशी के दौरान अमिताभ ठाकुर को 24 घंटे की रिमांड पर लिया गया। कोर्ट के भीतर जज द्वारा बैठने के लिए कहे जाने के बावजूद वे पुलिस के रवैए से असंतुष्ट दिखे। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से तीखी बहस भी हो गई, जिससे माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया।

पेशी के बाद जब पुलिस उन्हें वाराणसी जेल ले जाने लगी, तो उनकी आवाज़ मीडिया तक न पहुंचे, इसके लिए करीब 200 पुलिसकर्मी लगातार सीटी बजाते रहे। पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई चर्चा का विषय बनी रही। बताया गया कि 24 घंटे की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अमिताभ ठाकुर को पुनः देवरिया जेल भेज दिया जाएगा।
उनके वकील अनुज ने रिमांड पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें से दो धाराएं असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती हैं, जिनमें रिमांड का प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद रिमांड दिया जाना कानूनी बहस को जन्म दे रहा है।
इससे पहले गुरुवार (18 दिसंबर) की शाम अमिताभ ठाकुर को बी-वारंट पर देवरिया जेल से वाराणसी लाया गया था। तब से वे वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद थे, जहां उन्हें केंद्रीय कारागार की तन्हाई बैरक में रखा गया। सूत्रों के मुताबिक, पूरी रात वे बेचैन रहे और सो नहीं पाए।

हिंदू संगठनों के संभावित आक्रोश को देखते हुए कोर्ट परिसर के भीतर और बाहर लगभग 500 पुलिसकर्मी बुलेटप्रूफ जैकेट में तैनात किए गए थे। हर गेट पर करीब 100 पुलिसकर्मियों की तैनाती रही, जबकि आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई। कोर्ट के अंदर मौजूद आम लोगों और वाहनों को बाहर निकाल दिया गया। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल स्वयं भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।
विवाद की जड़ क्या है?
अमिताभ ठाकुर को वाराणसी कोर्ट इसलिए लाया गया क्योंकि उनके खिलाफ चौक थाने में एक मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा हिंदू युवा वाहिनी के नेता और बड़ी पियरी निवासी अंबरीश सिंह भोला की तहरीर पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि 30 नवंबर 2025 को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अंबरीश सिंह पर कफ सिरप तस्करी से जुड़े झूठे आरोप लगाए गए। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस वीडियो से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा।
इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा शेयर किए गए एक अन्य वीडियो में शिकायतकर्ता को कथित आपराधिक गतिविधियों से जोड़ते हुए मनगढ़ंत आरोप लगाए गए। इसी विवादित वीडियो को लेकर मामला तूल पकड़ गया और अंततः अमिताभ ठाकुर को वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया।











