उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने बाबा विश्वनाथ का किया दर्शन, देश की समृद्धि की कामना,सीएम योगी में भेंट किया स्मृति-चिह्न
वाराणसी (रणभेरी): उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन काशी पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुँचकर विधि-विधान से बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया और देशवासियों की समृद्धि, शांति एवं कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। दर्शन के बाद सीएम योगी ने उन्हें वाराणसी की पहचान माने जाने वाले गुलाबी मीनाकारी से निर्मित विशेष स्मृति-चिह्न भेंट किया, जिसमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अद्भुत स्वरूप अंकित था।
काशी आगमन पर उपराष्ट्रपति का स्वागत पारंपरिक अंदाज में हुआ। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर में उनके पहुंचते ही श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। उपराष्ट्रपति ने भी मुस्कुराते हुए सभी का अभिवादन स्वीकार किया और काशी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
पूजन कराने वाले मंदिर के अर्चक पं. टेक नारायण उपाध्याय ने बताया कि उपराष्ट्रपति ने विधि-विधान से विशेष पूजन कराया और देश की अखंडता, जनता के सुख-समृद्धि तथा समाज में सद्भाव बनाए रखने की कामना की। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम में पूजा का अनुभव आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का अद्भुत संगम है, जिसे शब्दों में बयान करना कठिन है।
धाम में दर्शन के बाद उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य पुनर्निर्माण और व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी का विकास देश-दुनिया के लिए प्रेरणा का विषय है। उन्होंने कहा कि काशी, जो भारत की सांस्कृतिक आत्मा है, आज भव्यता और परंपरा के संगम के रूप में विश्व में अपना अलग स्थान बना रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उपराष्ट्रपति के साथ धाम परिसर में भ्रमण किया और उन्हें ओडीओपी के तहत बनाईं जाने वाली गुलाबी मीनाकारी कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी की कला, संस्कृति और अध्यात्म पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। ओडीओपी योजना ने स्थानीय कारीगरों को नई पहचान और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का यह दौरा काशी की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को और मजबूती देता है। काशीवासियों ने भी उनके इस आगमन को गौरव का क्षण बताते हुए खुशी व्यक्त की।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उपराष्ट्रपति का पूरा कार्यक्रम सकुशल सम्पन्न हुआ। प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। इसके बाद उपराष्ट्रपति का अगला कार्यक्रम अन्य स्थलों के भ्रमण और स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात का रहा। उपराष्ट्रपति का यह पहला काशी दौरा ऐतिहासिक और यादगार बन गया, जिसमें आस्था, सम्मान और परंपरा का सुंदर मेल दिखाई दिया।











