UP Budget 2023: काशी और पूर्वांचल को मिलेगी नई पहचान, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिला 300 करोड़

UP Budget 2023:  काशी और पूर्वांचल को मिलेगी नई पहचान, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिला 300 करोड़

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बजट वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया। वही वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि यूपी में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गयी है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है। वहीं, इस बजट में धार्मिक पर्यटन को भी काफी बढ़ावा दिया गया है। ताकि यूपी सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही पर्यटन की दिशा में भी सबसे आगे रहे। काशी सहित पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में पर्यटन सर्किट भी बनाया जाएगा।

सरकार की तरफ से करीब तीन सौ करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। मारकंडेय महादेव मंदिर से लेकर गंगा किनारे टिकरी तक ग्रामीण पर्यटन का विकास होगा। मंदिरों के संरक्षण के अलावा पावन पथ, पंचक्रोशी परिक्रम मार्ग, अंतरगृही, अष्ट भैरव, छप्पन विनायक, नौ गौरी, नौ दुर्गा पथ के प्रमुख पड़ावों का विकास किया जाएगा। इससे धार्मिक पर्यटन को विस्तार मिलेगा।अभी भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम आकर दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पर्यटकों के मामले में धार्मिक नगरी ने गोवा को भी पीछे छोड़ दिया है।

अधिकारियों के मुताबिक वाराणसी से बोगिबील असम के बाद दो आध्यात्मिक शहरों काशी और प्रयागराज के बीच क्रूज का संचालन शुरू होगा। इसका प्रस्ताव भी तैयार है। नदी परिवहन से जुड़े विकास मालवीय ने बताया कि काशी से प्रयागराज और मारकंडेय महादेव मंदिर तक क्रूज सेवा का प्रस्ताव तैयार है। फिलहाल काशी में चार क्रूज के अलावा 15 नावें पर्यटकों को काशी के घाटों की सैर कराती हैं। गंगा पार रेती पर बसी टेंट सिटी ने भी पर्यटन का आकार बढ़ाया है।  मारकंडेय महादेव मंदिर को श्री काशी विश्वनाथ धाम की तरह विकसित करने की योजना को गति मिलेगी। इसके सुंदरीकरण का प्रस्ताव पहले ही शासन को भेजा गया था। अब अलग से बजट मिलने की उम्मीद जगी है। इससे मारकंडेय महादेव धाम भव्य व दिव्य हो जाएगा।पर्यटन विभाग रत्नेश्वर महादेव मंदिर का संरक्षण भी करेगा। प्राथमिक सर्वे रिपोर्ट निदेशालय भेजी जा चुकी है। यह मंदिर हर वर्ष बाढ़ में डूब जाता है। इससे मंदिर को नुकसान पहुंच रहा है। बीएचयू में प्राचीन इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर विनोद जायसवाल ने कहा कि प्रकृति की मार से एतिहासिक मंदिर के बाहरी व अंदर के हिस्से को नुकसान हो रहा है। मणिकर्णिका और सिंधिया घाट के बीच में स्थित यह मंदिर एतिहासिक है।