सायरन की तेज आवाज और फिर छा गया अंधेरा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। भारत ने मंगलवार रात पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की। रात को जैसे ही एयर स्ट्राइक की खबरें आईं। वाराणसी में भी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं। पूर्व निर्धारित प्रोग्राम के तहत हमले की मॉकड्रिल की शुरूआत वाराणसी पुलिस लाइन से हुई। पुलिस लाइन में हमले में घायलों का उपचार और गंभीर रूप से जख्मी को पीठ पर लादकर चिकित्सा कक्ष में ले जाया गया। सिलेंडर में लगी आग को बुझाया गया। लगभग यही यही स्थिति श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी रही। एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया। रात में बाबतपुर एयरपोर्ट, बरेका और पुलिस लाइन में ब्लैक आउट किया गया। यह सारी गतिविधियां मॉकड्रिल के दौरान संपन्न हुईं। सुबह पुलिस लाइन से मॉकड्रिल की शुरूआत हुई, जो रात आठ बजे ब्लैक आउट के साथ खत्म हुआ। रेस्क्यू आॅपरेशन, आपदा प्रबंधन, ब्लैक आउट का प्रदर्शन कर युद्ध के दौरान क्या करना और कैसे रहने की ट्रेनिंग दी गई।
पुलिस लाइन में रात 8.40 बजे ब्लैक आउट
बाबतपुर एयरपोर्ट पर 15 मिनट तक ब्लैक आउट किया गया। कार्यवाहक एयरपोर्ट निदेशक की मौजूदगी में एयरपोर्ट संपर्क मार्ग की लाइटें भी बंद की गई। यहां शाम 7 से 7:15 बजे तक ब्लैक आउट किया गया। वहीं, गोलघर पुरानी साड़ी मंडी में व्यापारियों ने रात 9 बजे ब्लैक आउट किया। पुलिस लाइन में रात 8.40 बजे ब्लैक आउट हुआ। काशी विद्यापीठ परिसर में बुधवार की देर शाम 7.30 बजे से 8.30 बजे तक अंधेरा छा गया। उधर, बरेका परिसर में रात 8 बजे से 8 बजकर 10 मिनट तक ब्लैक आउट हुआ। इसके साथ ही बरेका परिसर में रात्रि 8 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
सायरन बजते ही अंधेरे में डूब गया बरेका परिसर
बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) परिसर में बुधवार रात 8 बजे एक रोमांचक और गंभीर ब्लैकआउट मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जैसे ही इमरजेंसी सायरन की तीव्र ध्वनि परिसर में गूंजी, पूरे क्षेत्र में मात्र कुछ ही क्षणों में अंधकार छा गया। पूरे 10 मिनट तक बरेका का समूचा परिसर ब्लैकआउट में डूबा रहा, जो एक युद्धकालीन परिदृश्य में आपातकालीन प्रतिक्रिया की कसौटी को परखने का महत्वपूर्ण प्रयास था। मॉकड्रिल का आयोजन नागरिक सुरक्षा संगठन, बरेका द्वारा किया गया। इसका उद्देश्य शत्रु आक्रमण या अन्य आपात स्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया की रणनीति को परखना था। इस मौके पर कमिश्नर एस। राजलिंगम, डीएम सत्येंद्र कुमार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस। चिनप्पा, उप नियंत्रक, नागरिक सुरक्षा महेश प्रताप सिंह, पीआरओ राजेश कुमार समेत सिविल डिफेंस के प्रशिक्षकगण और बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद थे। सभी ने ब्लैकआउट के दौरान सुरक्षा उपायों, दिशा-निदेर्शों और आपसी समन्वय को बारीकी से परखा और उसकी सराहना की।
एयरपोर्ट पर 15 मिनट तक ब्लैकआउट
वाराणसी एयरपोर्ट पर 15 मिनट तक ब्लैक आउट किया गया। इस दौरान सभी लाइटों को बंद कर आपातकालीन स्थिति के लिए अभ्यास किया गया। लोगों को सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूक किया गया। आपातकालीन समय में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी गई। एयरपोर्ट संपर्क मार्ग की लाइटें भी बंद कर दी गई थीं। ब्लैक आउट का समय रात 9 से 10 बजे तय किया गया था। हालांकि एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने 7 से 7.15 बजे तक ब्लैकआउट की पुष्टि की।
सायरन बजते ही लोग हुए सतर्क
उधर, सुबह 6 बजे पुलिस लाइन में सायरन बजा। लोग सतर्क हो गए और खुद को सुरक्षित स्थान पर ले गए। पुलिस लाइन में बुधवार को एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम ने हवाई हमले और बचाव का प्रदर्शन किया। लोगों को बचाव के तरीके बताए गए।
एनडीआरएफ ने घायलों को सुरक्षित निकाला
एनडीआरएफ की टीम ने घायलों को बाहर निकाला। गैस सिलिंडर में आग लगने और उसे बुझाने का प्रशिक्षण दिया । उप सेनानायक 11वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मौजूदगी में रिजर्व पुलिस लाइंस कमिश्नरेट वाराणसी अवस्थित परेड ग्राउंड में गृह मंत्रालय भारत सरकार व उप शासन के निर्देश के क्रम में मॉक ड्रिल हुई।
अस्पताल हाई अलर्ट पर, 110 बेड रिजर्व
संभावित आपात स्थिति को देखते हुए वाराणसी के अस्पतालों में आपरेशन सिंदूर के तहत व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) अस्पताल में 100 बेड और मंडलीय अस्पताल में 10 बेड रिजर्व किए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। पीडीडीयू अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बृजेश ने बताया कि संकेत मिलते ही मरीजों और कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह दी गई है। अस्पताल में दवाओं, इमरजेंसी उपकरणों और अन्य जरूरी संसाधनों की पूरी व्यवस्था की गई है। मंडलीय अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा। मृदुला मलिक ने कहा, हमले की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया के लिए सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। हमारी टीमें पूरी तरह से तैयार हैं। मंडलीय अस्पताल में 10 बेड विशेष रूप से रिजर्व किए गए हैं। साथ ही दवा आदि की व्यवस्था पहले से ही दुरुस्त कर ली गई है।