देश में व्याप्त गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी अब चुनावी चिंता नहीं - मायावती

देश में व्याप्त गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी अब चुनावी चिंता नहीं - मायावती

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि देश में महंगाई, बेरोगजारी और गरीबी अब चुनावी और राजनीतिक चिंता नहीं रहे लेकिन फिर भी सरकारों का इन मुद्दों के प्रति उदार बने रहना उचित नहीं है। सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए जीजान से जुटना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश में व्याप्त गरीबी व पिछड़ेपन से लाचारी व महंगाई की मार तथा बेरोजगारी से त्रस्त मेहनतकश लोग हर दिन आटा, दाल-चावल व नमक-तेल आदि के महंगे दाम को लेकर सरकार को कोसते रहते हैं किन्तु वह इसका जवाब देने व उपाय ढूंढने के बजाय ज्यादातर खामोश बने रहते हैं, ऐसा क्यों? मायावती ने शनिवार को एक के बाद एक लगातार 3 ट्वीट कर उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा है। 

उन्होंने आगे कहा कि अब आटा का दाम भी एक साल में काफी महंगा होकर लगभग 37 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाने से लोगों में बेचैनी, हताशा व निराशा है तो ऐसे में सरकार को अपनी निश्चिन्तता व लापरवाही आदि त्यागकर, इसके समाधान के गंभीर उपायों जी-जान से जुट जाना चाहिए, जो समय की सबसे बड़ी मांग है। बसपा प्रमुख ने कहा कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में यहां वर्षों से व्याप्त विचलित करने वाली गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई आदि अब असली राजनीतिक एवं चुनावी चिंता नहीं रही हैं। तब भी सभी सरकारों को इनके प्रति उदासीन बने रहकर देश की प्रगति व जनता की उन्नति में रोढ़ा बने रहना अनुचित व दुःखद है।