यूपी में भाजपा नेता का कत्ल: कौन था वो...कच्चे रास्तों से आया, हत्या की और निकल गया

अलीगढ़ । तालानगरी इलाके में शुक्रवार सुबह सांसद के करीबी, भाजयुमो के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष एवं प्रॉपर्टी डीलर सोनू चौधरी (45) की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। ताबड़तोड़ फायरिंग से दहशत फैल गई। बाइक सवार दो हमलावरों ने गांव से निकलते ही कार सवार प्रॉपर्टी डीलर को रोककर दिनदहाड़े इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया। प्रॉपर्टी डीलर को सात गोलियां मारी गई। वारदात की खबर पर एसएसपी सहित पुलिस टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई। हालांकि शाम तक परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई थी, मगर पुलिस की तीन टीमें पुरानी रंजिश, व्यापारिक व राजनीतिक पहलुओं पर जांच कर रही हैं।
सोनू चौधरी हरदुआगंज मंडल में भाजयुमो का मंडल उपाध्यक्ष रह चुका था। हरदुआगंज क्षेत्र में तालानगरी से सटे गांव कोंडरा के शैलेंद्र सिंह उर्फ सोनू चौधरी पेशे से प्रॉपर्टी डीलर था। साथ में उसका अपना ट्रांसपोर्ट का भी व्यापार था। भाजपा से जुड़ा सोनू सांसद सतीश गौतम का काफी करीबी माना जाता था। सीओ सदर धनंजय के अनुसार, परिवार वालों से अब तक जो जानकारी मिली है है उसके मुताबिक सुबह करीब 9:30 बजे सोनू अपनी क्रेटा कार में सवार होकर गांव से निकला।
दूसरा हमलावर ड्राइवर साइड खिड़की के सहारे खड़ा रहा
गांव से 200 मीटर निकलते ही तालानगरी एरिया में गांव के मोड़ पर बाइक सवार दो युवक उसे मिले, उसे देख सोनू ने गाड़ी रोक ली। इसके बाद एक बाइक सवार गाड़ी में जाकर बगल वाली सीट पर बैठ गया, जबकि दूसरा ड्राइवर साइड खिड़की के सहारे खड़ा रहा। उनमें कुछ देर बातचीत भी हुई। इसी बीच दोनों हमलावरों ने सोनू पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटनास्थल पर एक दर्जन राउंड फायरिंग के सबूत मिले हैं। सोनू को कुल सात गोलियां लगीं। इसके बाद हमलावर भाग गए।
खबर पर गांव से लोग दौड़े, जबकि हरदुआगंज पुलिस के साथ-साथ एसएसपी, एसपी देहात, सीओ, फॉरेंसिक टीम भी आ गई। इससे पहले सोनू को जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां मृत घोषित कर दिया गया। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंच गया था, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम व पुलिस की जांच से ये तो साफ हुआ कि सोनू को कार में बतियाते समय बचने का अवसर नहीं मिला। हमलावर ने बातचीत करते करते अचानक से सोनू को गोली मार दी। वहीं बाहर खड़ा व्यक्ति भी खिड़की पर खड़ा था। अगर वह खड़ा नहीं होता तो शायद सोनू को बचकर निकलने का अवसर मिलता।
सुबह हुई हत्या के बाद दोपहर में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हुई। इसके बाद शाम को शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। परिवार में सोनू की पत्नी, एक बेटा आकाश व बेटी रौनक का हाल बेहाल था। बड़ा भाई व मृत भाई राजेश के बच्चे भी खुद को नहीं संभाल पा रहे थे। बुजुर्ग पिता का भी कुछ हाल ऐसा ही था। किसी तरह गांव, परिवार व रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। इन वजहों से देर रात तक तहरीर भी नहीं दी जा सकी थी।
इस हत्या के बाद पुलिस ने गांव की रंजिश से जुड़े कुछ संदिग्धों के अलावा इलाके के कई लोग हिरासत में लिए हैं। जिनसे पूछताछ जारी है। वहीं पुलिस की दो टीमें सर्विलांस व सीसीटीवी के सहारे भी हर रास्ते पर काम कर रही हैं।
भाजयुमो में रहा मंडल उपाध्यक्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला के अनुसार, सोनू उनकी पार्टी के बेहद सक्रिय व कर्मठ कार्यकर्ता थे। पार्टी में विशेष रूप से सक्रिय रहते थे। इतना ही नहीं, उन्होंने इलाके में विभिन्न कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका भी निभाई। इसी के चलते वे इस बार प्रधानी का चुनाव लड़ने की इच्छा बनाए हुए थे। इधर, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश सिंह के अनुसार, मृत सोनू सिंह लंबे समय से पार्टी से जुड़े थे। उनके जिलाध्यक्ष काल में भाजयुमो की हरदुआगंज मंडल इकाई के अध्यक्ष विशाल शर्मा की टीम में मंडल उपाध्यक्ष के दायित्व पर रहे थे।
इस हत्याकांड में अभी तक पुरानी रंजिश से लेकर प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई विवाद, महिला से जुड़ा ताजा विवाद आदि बिंदुओं पर जांच की जा रही है। परिवार की ओर से तहरीर मिलने का भी इंतजार है। जांच व तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। तीन टीमें भी सीसीटीवी आदि देखने में लगी हैं, जल्द खुलासा किया जाएगा। - अमृत जैन, एसपी देहात