Jagannath Rath Yatra 2025 : काशी में जगन्नाथ रथयात्रा आज शुरू, दर्शन के लिए लगातार पहुंच रहे श्रद्धालु

वाराणसी (रणभेरी): महादेव की नगरी काशी में गुरुवार को भगवान जनन्नाथ ,बलभद्र और सुभद्रा जी का श्रृंगार कर भोर में रथ पर मंगला आरती की गई। इसके साथ ही यहां तीन दिवसीय रथ यात्रा मेले का शुभारंभ हो गया। इसके साथ ही 56 प्रकार के भोग लगे। रथ को खींचा गया। ऐसी मान्यता है कि रथ पर आसीन प्रभु के दर्शन मात्र से सारे कष्ट खत्म हो जाते है।
पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया भगवान लीला के तहत 15 दिन भक्तों के स्नान करवाने की वजह से बीमार पड़ जाते हैं। इन दिनों उनके दर्शन भक्तों को नहीं होते हैं। काढ़े का भोग उनको लगाया जाता है। उनको परवल का जूस भोग में दिया जाता है और वो स्वस्थ हो जाते हैं।26 जून को उनकी पालकी यात्रा शहर नगर भ्रमण को अस्सी स्थित मंदिर से निकलती है। रात्रि विश्राम के बाद 27 जुलाई से 29 जुलाई तक रथ यात्रा का मेला प्रारम्भ हो जाता है।
काशी का ये मेला लख्खा मेले में शुमार हैं। प्राचीन काल से ही मान्यता रही है कि एक लाख से ज्यादे लोग रोज इसमें शामिल होते है। नगर के अंदर ग्रामीण झलकियां की चरखी, खिलौनों के दुकान,नन खटाई बिस्कुट स्टॉल देखने को मिलते हैं। शाम होते ही इस मेले में भीड़ बढ़ती है प्रभु जगन्नाथ के रथ को घुमाया जाता है। प्रतिदिन भोर में आरती होगी।
मान्यता है, कि 1790 में काशी के असि क्षेत्र में जगन्नाथ मंदिर बनकर तैयार हुआ तब से लोग वहां पर दर्शन करने के लिए जाने लगे। इसके बाद 1802 में प्रसिद्ध रथयात्रा मेला का शुभारंभ किया गया। इस मेले में आज पहले दिन भगवान का 56 प्रकार का भोग लगा और पूजन हुआ। काशीवासियों ने इस रथ को खींचकर इसकी शुरुआत की। दूसरे दिन यानी 28 जून को काशी नरेश महाराजा बनारस भी इस मेल में शामिल होंगे और रथ को खींचेंगे। मान्यता है, कि जो लोग जगन्नाथ पुरी नहीं जा पाते, वह यहां पर दर्शन करते हैं, तो जगन्नाथ पुरी के दर्शन करने के फल की प्राप्ति होती है।