हाईटेंशन लाइन बनी बाधा, 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज का काम फिर ठप
वाराणसी (रणभेरी): काशी के ऐतिहासिक 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज (डफरिन ब्रिज/राजघाट पुल) पर चल रहा मरम्मत कार्य एक बार फिर रोक दिया गया है। यह कार्य 24 दिसंबर से शुरू हुआ था, लेकिन तकनीकी और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रेलवे ने इस पर आपत्ति जता दी। इसके चलते फिलहाल पुल पर किसी भी तरह का मरम्मत कार्य नहीं होगा और यातायात बहाल कर दिया जाएगा।
मालवीय ब्रिज के नीचे से वाराणसी-हावड़ा रेल मार्ग गुजरता है, जो देश के सबसे व्यस्त रेलवे रूट्स में से एक है। इसी हिस्से से रेलवे का हाईटेंशन ओवरहेड वायर भी गया हुआ है। मरम्मत के दौरान पुल से लोहा या अन्य सामग्री नीचे गिरने का खतरा बना हुआ था, जो रेलवे संचालन के लिए जोखिमपूर्ण माना गया। इसी आशंका के चलते रेलवे ने कार्य तत्काल रोकने के निर्देश दिए।
एसीपी ट्रैफिक सोमवीर सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी द्वारा 13 जनवरी तक के लिए लिया गया मेगा ब्लॉक रेलवे की आपत्ति के बाद वापस ले लिया गया है। मरम्मत के तहत पुल पर बने 71 ड्रेनेज स्पाउट एक्सपेंशन ज्वाइंट बदले जाने थे, लेकिन दो दिनों में केवल चार ही बदले जा सके। पांचवें ज्वाइंट पर काम शुरू ही हुआ था कि उसका कुछ हिस्सा नीचे रेलवे ट्रैक पर गिर गया। इसके बाद रेलवे ने सुरक्षा कारणों से काम रोक दिया।
एसीपी ने बताया कि मालवीय ब्रिज के नीचे से गुजरने वाली ट्रेनों और हाईटेंशन वायर के चलते रेलवे के लिए लंबे समय तक ब्लॉक लेना आसान नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह का मलबा या टुकड़ा नीचे गिरना गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है। इसी को देखते हुए रेलवे ने तकनीकी बिंदुओं पर आपत्ति जताई और मरम्मत कार्य स्थगित करा दिया।
उन्होंने कहा कि अब इस मामले में रेलवे और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग होगी। बैठक में सुरक्षा उपायों, कार्यप्रणाली और समन्वय को लेकर निर्णय लिया जाएगा। उसके बाद ही पुल पर दोबारा मरम्मत शुरू की जाएगी।
फिलहाल आमजन को राहत देते हुए ट्रैफिक विभाग ने सभी डायवर्जन हटाने का फैसला किया है। एसीपी ट्रैफिक के अनुसार सुबह 7 बजे से मालवीय ब्रिज पर आवागमन सामान्य रूप से खोल दिया गया है। अगले आदेश तक पुल पर यातायात निर्बाध रहेगा।











