दालमंडी : जद में 189 मकान, मुआवजों को लेकर पेच

दालमंडी : जद में 189 मकान, मुआवजों को लेकर पेच

वाराणसी (रणभेरी सं.)। दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे मकानों के मालिकों को दिए जाने वाले मुआवजा को लेकर पेच फंस गया है। मुआवजा को लेकर अब सरकार नीति निर्धारण तय करेगी। वाराणसी जिला प्रशासन मुआवजा से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर रहा है। रिपोर्ट शासन में भेजी जाएगी। दालमंडी का प्रोजेक्ट चूंकि 100 करोड़ से अधिक का है इसलिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है। प्रोजेक्ट दालमंडी की अब तक हुई प्रगति की रिपोर्ट सीएम योगी के सामने आज रखी जाएगी। बता दें कि सीएम योगी दो दिवसीय दौरे पर सोमवार दोपहर काशी आ रहे है। शाम को जिला प्रशासन, पुलिस महकमे के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर की राह आसान करने के लिए योगी सरकार ने नई सड़क को चौक से जोड़ने वाले दालमंडी की सड़क 17 मीटर (56 फीट) तक चौड़ी होनी है। चौड़ीकरण की जद में लगभग 189 मकान आ रहे हैं। अब इन्हें मुआवजा देने में पेच फंस रहा है क्योंकि जितने मकान चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं उनमें से अधिकतर आबादी की जमीन पर बने हैं। तहसील ने दालमंडी से संबंधित दस्तावेज (1291 फसली वर्ष) खंगाले हैं। दस्तावेज बता रहे कि चौड़ीकरण की जद में आने वाले अधिकतर मकान आबादी की जमीन पर बने हैं। 

 जिला प्रशासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आबादी की जमीन के मामले में मुआवजा कम मिलता है। दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण की राह में आ रहे मकानों के मालिक को सर्किल रेट, उससे अधिक या आबादी की जमीन से जुड़े मामले में तय मुआवजा दिया जाएगा, इसका निर्णय शासन में होगा। तहसील स्तर से चौड़ीकरण के चलते प्रभावित होने वाले मकानों की सूची, जमीन से जुड़े दस्तावेज तैयार कर लिया गया है। मुआवजा से संबंधित दालमंडी प्रोजेक्ट की फाइल शासन में भेजी जा रही है। राजस्व परिषद, कैबिनेट तय करेगा कि चौड़ीकरण के चलते प्रभावित होने वाले मकानों को कितना मुआवजा दिया जाएगा।

प्रोजेक्ट दालमंडी के विरोध में हाईकोर्ट पहुंचे दुकानदार

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट दालमंडी के चौड़ीकरण के विरोध में दालमंडी के 06 मकान मालिक/दुकानदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका दाखिल कि है कि सड़क की चौड़ाई 17 मीटर होने से पूरा बाजार गायब हो जाएगा। 

मार्ग चौड़ीकरण के विरोध में डाली गई याचिका पर जिला प्रशासन, राजस्व परिषद नजर बनाए हुए है। हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिए तहसील ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है।