एक हजार सांपों को पकड़ने वाले प्रोफेसर एनबी सिंह को कोबरा ने डंसा
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. उमाकांत सिंह के नैनी स्थित घर में बुधवार को कोबरा घुस गया। बताते हैं कि एक चूहा खने के बाद वह दूसरे चूहे को पकड़ चुका था। इस बीच परिजनों की नजर उस पर पड़ गई। शोर मचने के बाद कोबरा को पकड़ने और वहां से बाहर निकालने के उपायों पर काम शुरू हो गया। एक हजार से अधिक सांपों को पकड़ने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एनबी सिंह को बुधवार को कोबरा ने डंस लिया। एक प्रोफेसर के घर में घुसे कोबरा ने उन्हें तब डंसा, जब वह उसे पकड़ने का प्रयास कर रहे थे। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के मेडिसिन विभाग में उन्हें भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत में सुधार है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. उमाकांत सिंह के नैनी स्थित घर में बुधवार को कोबरा घुस गया। बताते हैं कि एक चूहा खने के बाद वह दूसरे चूहे को पकड़ चुका था। इस बीच परिजनों की नजर उस पर पड़ गई। शोर मचने के बाद कोबरा को पकड़ने और वहां से बाहर निकालने के उपायों पर काम शुरू हो गया। इस बात की जानकारी प्रोफेसर एनबी सिंह को दी गई। सूचना मिलने के बाद एनबी सिंह दोपहर करीब दो बजे नैनी पहुंचे। वहां उन्होंने कोबरा को लंबी मशक्कत के बाद पकड़ तो लिया, लेकिन इस दौरान गर्दन ढीली पड़ने की वजह से उसने उनके बाएं हाथ के अंगूठे में डंस लिया। इससे उनकी उंगली से खून आने लगा।
खुद ही पहुंचे अस्पताल
प्रो. एनबी सिंह ने बताया कि कोबरा को सुरक्षित रखने के बाद उन्होंने उंगली के उस हिस्से को डोरी से बांध दिया, जहां कोबरा ने काटा था। इसके बाद उन्होंने वहां चीरा लगाकर जहर भी बाहर निकालने की कोशिश की। इस दौरान करीब 47 मिनट उन्हें अस्पताल पहुंचने में लग गए। वहां उन्हें भर्ती कराया गया। समय से उपचार मिलने के बाद उनकी हालत में सुधार आ गया है। एनबी सिंह के मुताबिक अब तक वह एक हजार से अधिक सांपों को पकड़ चुके हैं। इनमें 25 अजगर भी शामिल हैं। 68 वर्षीय सेवा निवृत्त प्रोफेसर का कहना है कि पहली बार जब वह एमएससी फर्स्ट ईयर के छात्र थे तब 1979 में उन्हें कोबरा ने डंस लिया था। तब भी वह समय पर उपचार मिलने से बच गए थे। इससे पहले कोबरा के दंश से उनकी बड़ी बहन की मौत हो चुकी है।
आज वन कर्मियों की मदद से जंगल में छोड़ा जाएगा कोबरा
प्रोफेसर एनबी सिंह ने कोबरा पकड़ने की जानकारी प्रभागीय वन निदेशक महावीर कलावजी को भी दी है। बृहस्पतिवार को वन कर्मियों की मदद से इस कोबरा को जंगल में छोड़ा जाएगा।