काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव की निकली भव्य शोभायात्रा, शहनाई की धुन के गूंज उठा काशी की गलियां

वाराणसी (रणभेरी): आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुक्रवार को काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव परम्परागत रूप से नगर भ्रमण के लिए रथ पर सवार होकर निकले। बाबा कालभैरव के स्वर्ण-रजत पंचबदन विग्रह की 71वीं शोभायात्रा स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से चौखंभा स्थित काठ की हवेली से प्रात:काल श्रद्धा और उल्लास के साथ निकाली गई। भव्य शोभायात्रा को देखने के लिए गलियों एवं सड़कों पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
बाबा के नगर भ्रमण पर निकलने के पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों ने बाबा कालभैरव के पंचबदन रजत प्रतिमा की आरती उतारी। इसके बाद बाबा के प्रतिमा को पुष्पों से सुसज्जित रथ पर सवार करा कर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में आगे घुड़सवार पुलिस चल रही थी। इसके बाद ताशा बाजा के साथ ध्वजा पताका लिए श्रद्धालु चल रहे थे। साथ ही कमेटी के संस्थापक द्वय स्वर्गीय किशुन दास और स्वर्गीय भीकू सिंह की तस्वीर भी सुसज्जित रथ पर चल रहा था। बैंड पार्टी सुमधुर धुन बिखेरते चल रही थी। साथ में माता स्वरूप प्रतिमाएं अपने करतब दिखा रहीं थीं।
11 सुसज्जित छतरी युक्त घोड़ों पर देव प्रतिमाएं राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, शंकर, गणेश, नारद, ब्रह्मा जी के साथ दो दरबान भी विराजमान थे। इस दौरान पाइप बैंड का आकर्षण केंद्र था। शोभा यात्रा के दौरान शंकर - पार्वती, राधा - कृष्ण, दुर्गा जी, काली जी, हनुमान जी की भी आकर्षक झांकी थी। इवेंट प्लानर की टीम नीरज सेठ के नेतृत्व में रास्ते भर भजन प्रस्तुत कर रही थी। गोविंदेश्वर महादेव की आकर्षक झांकी तथा डमरू दल भी शोभायात्रा के केंद्र बिंदु में रहा। शोभायात्रा के अंत में शहनाई की धुन के बीच साज-सज्जा के साथ फूलों से सुसज्जित बाबा का स्वर्णिम रथ चल रहा था। रास्ते भर भक्तों को प्रसाद का वितरण भी होता रहा।
कमेटी के अध्यक्ष किशोर कुमार सेठ ने बताया कि बाबा के स्वागत हेतु विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा बाबा के भक्तों द्वारा लगभग 40 स्थानों पर पूजा अर्चना किया गया। भव्य शोभायात्रा के कुशल संचालन में संस्था के मंत्री राजू वर्मा की अहम भूमिका रही।
स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के महामंत्री श्याम कुमार सराफ ने बताया कि शोभायात्रा काठ की हवेली, चौखंभा से प्रारंभ होकर बीवी हटिया, जतनबर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर, भुतही इमली होते हुए कालभैरव मंदिर पर जाकर संपन्न हुई। महामंत्री ने बताया कि बाबा की स्वर्ण-रजत प्रतिमा मंदिर में प्रतिस्थापित कर भव्य श्रृंगार व पूजन किया जाएगा। समयानुसार रात 11 बजे तक दर्शन पूजन का कार्य चलता रहेगा। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सायंकाल बसंत पूजा होगी।