नववर्ष पर काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब, स्पर्श दर्शन पर रोक
वाराणसी (रणभेरी): नववर्ष की पहली दस्तक के साथ ही आस्था की डोर एक बार फिर देशभर के श्रद्धालुओं को काशी की ओर खींच लाई है। जहां हर गली मंत्रों से गूंजती है और हर कदम पर भक्ति की छाया पसरी रहती है, उसी मोक्षनगरी में स्थित भगवान शिव का विराट दरबार श्री काशी विश्वनाथ धाम इन दिनों श्रद्धा की लहरों से सराबोर होने जा रहा है।
अनुमान है कि नए साल के स्वागत में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंच सकते हैं। इस अपार जनसैलाब को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने पहले से ही व्यवस्था की कमान कस ली है। भक्तों की सुरक्षा, सुविधा और दर्शन की सुचारुता को केंद्र में रखकर कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
इसी क्रम में 25 दिसंबर से 3 जनवरी तक बाबा के स्पर्श दर्शन पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है। यह फैसला आस्था को अनुशासन की मर्यादा में बांधने के लिए लिया गया है, ताकि दर्शन व्यवस्था अव्यवस्थित न हो और हर श्रद्धालु सुरक्षित भाव से बाबा के साक्षात कर सके। हालांकि इस अवधि में सामान्य दर्शन की व्यवस्था यथावत रहेगी और भक्त दूर से ही बाबा विश्वनाथ के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।
नववर्ष से पहले ही विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक उछाल देखने को मिल रहा है। सामान्य दिनों में भी जहां दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं, वहीं इन दिनों देश के कोने-कोने से श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। धार्मिक पर्यटन की बढ़ती चेतना ने काशी को एक बार फिर आस्था का केंद्र बना दिया है।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि फिलहाल केवल स्पर्श दर्शन पर ही रोक लगाई गई है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व भूषण मिश्र के अनुसार, यदि भीड़ अत्यधिक बढ़ती है तो सुगम दर्शन टिकट और प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था पर भी अस्थायी रोक लगाई जा सकती है। उनका स्पष्ट कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा ही मंदिर प्रशासन की सर्वोच्च साधना है।
नववर्ष की इस बेला में काशी एक बार फिर यह संदेश दे रही है कि यहां आस्था केवल दर्शन नहीं, बल्कि अनुशासन, संयम और व्यवस्था के साथ शिव से साक्षात्कार का मार्ग है।











