Varanasi: काशी विश्वनाथ धाम में चल रहा था अवैध कमाई का ‘खेल’

Varanasi: काशी विश्वनाथ धाम में चल रहा था अवैध कमाई का ‘खेल’

 विश्वनाथ मंदिर की हेल्प डेस्क के कंप्यूटर ऑपरेटर समेत तीन बंदी, एक की तलाश

वाराणसी (रणभेरी): विश्वनाथ धाम में फर्जी टिकटों से प्रवेश दिलाने के बहाने कई महीने से अवैध कमाई का धंधा चल रहा था। नामजद आरोपित गिरोह बनाकर यह काम कर रहे थे। गिरफ्तार कंप्यूटर ऑपरेटर समेत तीन लोगों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। चौक के खोवा गली का रहने वाला शुभम पांडेय कैंट स्टेशन स्थित मंदिर के हेल्प डेस्क पर कंप्यूटर ऑपरेटर था। बड़ी पटिया (भेलूपुर) के अरुण पांडेय की बांसफाटक पर रुद्राक्ष पूजन भंडार के नाम से पूजन-सामग्री की दुकान है। सोनारपुरा का शुभम अधिकारी भेलूपुर में ट्रैवेल एजेंसी जबकि शिवाला निवासी इरफान हैदर ई-रिक्शा चलाने के साथ गाइड का भी काम करता है। इंस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्र ने बताया कि शुभम फरार है। सभी आपस में जुड़े हुए हैं।

दो तरह से करते थे फर्जीवाड़ा 

मंदिर प्रशासन की जांच में दो तरह का फर्जीवाड़ा पता चला है। पहला, किसी वैध टिकट की दो से तीन पीडीएफ या प्रतियां निकलवाई जाती थीं। फिर उन पर नाम बदलकर श्रद्धालुओं को मंदिर के दूसरे गेटों से प्रवेश दिलाते थे। दूसरा, मंदिर प्रशासन की वेबसाइट से निकाले गए टिकट पर दर्ज श्रद्धालु की संख्या को एडिट कर अपने मुताबिक पांच से छह कर देते थे। मंदिर प्रशासन के खाते में एक ही टिकट का पैसा जाता था, बाकी श्रद्धालुओं के नाम पर पैसा खुद रख लेते थे। अब तक की व्यवस्था में टिकट की स्कैनिंग व ऑर्डर आईडी चेक कर दर्शनार्थियों को दिया जाता रहा है। चूंकि मंदिर के वेबसाइट से टिकट जारी होता है, इसलिए ऑर्डर आईडी सही रहता था। इससे स्कैन के समय संख्या पता नहीं चलता था। मंगला आरती, सुगम दर्शन व अन्य टिकटों का रोज मिलान होता है। इधर 15 दिन से टिकटों पर दर्ज संख्या के अनुपात में धनराशि कम आ रही थी। इससे गड़बड़ी का पता चला।

एप के जरिये खुला पोल

टिकटों में खेल सामने आने पर मंदिर प्रशासन ने गोपनीय तरीके से एक एप तैयार करवाया। एप से मंगलवार को कुछ टिकट प्राप्त हुए, जिसमें एक ही टिकट पर दर्शनाथियों को अलग-अलग द्वारों से प्रवेश कराया गया था। तब जाकर मामला पकड़ में आया। हनुमान घाट के निवासी के यहां आए 15 दर्शनार्थियों को गाइड इरफान हैदर ने टिकट दिलवाया था। टिकट केवल तीन लोगों के नाम पर जारी हुआ, जबकि दर्शनार्थियों की संख्या 15 थी। गेट नंबर चार पर मामला पकड़ा गया। मंदिर प्रशासन को आशंका है कि कई दूसरे दुकानदार भी इस धंधे में शामिल हो सकते हैं। इसकी जांच कराई जा रही है। इसकी जानकारी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दी गई है।