डीडीयू में बनेगा हाईटेक लैंग्वेज प्रयोगशाला

 डीडीयू में बनेगा हाईटेक लैंग्वेज प्रयोगशाला

गोरखपुर।  किताबी ज्ञान के साथ विद्यार्थियों की भाषा शैली सुधारने के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय में लैंग्वेज प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। इस प्रयोगशाला में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के साथ हिंदी और संस्कृत भाषा के उच्चारण को भी साफ्टवेयर की मदद से सुधार सकेंगे। विश्वविद्यालय को पीएम-उषा के तहत मिलने वाले 100 करोड़ की रकम से इस हाईटेक प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। गोरखपुर विश्वविद्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के पीएम उषा योजना (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये के ग्रांट के लिए चुन लिया गया है। इस रकम से विश्वविद्यालय में शोध के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर जोर दिया जाएगा। इसमें से करीब 40 करोड़ रुपये बहुमंजिली अनुसंधान केंद्र के निर्माण एवं उपकरण एवं केमिकल के खरीद पर खर्च किया जाएगा। इस बहुमंजिली भवन के सबसे ऊपरी तल (तृतीय) पर लैंग्वेज प्रयोगशाला बनाया जाना है। प्रथम चरण में अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा ज्ञान के लिए साफ्टवेयर का निर्माण किया जाएगा। इस भाषा लैब में एक ऐसा साफ्टवेयर लगाया जाएगा, जिसके जरिये विद्यार्थियों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा। इस साफ्टवेयर में अंग्रेजी में परिचर्चा की व्यवस्था होगी।

मूल्यांकन करने में भी मददगार होगा साफ्टवेयर
इस साफ्टवेयर में लिस्निंग कंप्रीहेंसन के जरिए शब्द को सुनकर सही तरीके से उच्चारित करने का तरीका सिखाया जाएगा। रीडिंग प्रैक्टिस का भी विकल्प साफ्टवेयर में मिलेगा। किसी विद्यार्थी का अंग्रेजी उच्चारण और एक्सेंट मानक पर कितना खरा उतर रहा, इसका मूल्यांकन भी वह साफ्टवेयर करेगा।

तीन मंजिला होगा अनुसंधान प्रयोगशाला
बहुमंजिला अनुसंधान प्रयोगशाला के भू-तल पर ऑडिटोरियम के अलावा रिसर्च से जुड़ी वाइब्रेट मशीन, प्रथम तल पर फिजिकली रिसर्च लैब, द्वितीय तल पर केमिकल लैब और तृतीय तल पर भाषा लैब का निर्माण किया जाएगा। कुलपति, डीडीयू  प्रो पूनम टंडन ने बताया कि पीएम उषा के तहत मिलने वाले 100 करोड़ में से करीब 40 करोड़ की रकम से बहुमंजिली भवन में अनुसंधान केंद्र का निर्माण होगा। इसमें सबसे ऊपर तृतीय तल पर भाषा लैब खोला जाएगा। इसमें साफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को अंग्रेजी समेत अन्य भाषाओं को सही उच्चारण के साथ बोलने के लिए ट्रेंड किया जाएगा।