जूडियो की फ्रेंचाइजी देने के बहाने साइबर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, 10 आईफोन, कार, दो लैपटॉप व नकदी हुए बरामद

जूडियो की फ्रेंचाइजी देने के बहाने साइबर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार, 10 आईफोन, कार, दो लैपटॉप व नकदी हुए बरामद

वाराणसी (रणभेरी): फैशन रिटेल ब्रांड जुडियो की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग के सरगना और उसके दो गुर्गों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से महंगे मोबाइल फोन, लैपटाप और कार बरामद हुई है। पुलिस इनके साथियों की तलाश कर रही है। पकड़े गए ठगों के बारे में डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के गोपाल बिहार कालोनी स्थित फ्लोर ग्रीनवैली अपार्टमेंट की रहने वाली जसवीर कौर ने बीते साल 11 मई को साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। 

आरोपियों की पहचान बिहार के नालंदा जिले के गंगापुर कटीना के आकाश कुमार व सैदी के मयंक कुमार और शेखपुरा जिले के पिंजरी के प्रशांत कुमार के रूप में हुई है। तीनों कोलकाता में बैंक गार्डन इलाके में रहते थे। गिरोह का सरगना आकाश कुमार है और प्रशांत कुमार कंप्यूटर साइंस से बीटेक उत्तीर्ण है।

आकाश कुमार पश्चिम बंगाल से और प्रशांत कुमार हरियाणा से जेल जा चुका है। तीनों के पास से 10 आईफोन, दो लैपटॉप, तीन डेबिट कार्ड, एक कार और 3720 रुपये बरामद हुआ है। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। गोपाल विहार कॉलोनी, महमूरगंज की रहने वाली जसवीर कौर की तहरीर पर 11 मई 2024 को साइबर क्राइम पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। जसवीर के अनुसार उन्होंने जूडियो कंपनी की फ्रेंचाइजी के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था। फ्रेंचाइजी देने के नाम पर साइबर ठगों ने उनसे 8,55,500 रुपये ठग लिए।

डीसीपी क्राइम / वरुणा जोन ने बताया कि साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विपिन कुमार, दरोगा आलोक रंजन और एएसआई श्याम लाल गुप्ता की टीम ने मामले की जांच शुरू की। लेनदेन से संबंधित बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और फर्जी वेबसाइट की मदद से डिजिटल फुटप्रिंट तैयार कर तीनों आरोपियों को नालंदा और कोलकाता से पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह नामचीन कंपनियों जैसे किया मोटर्स, कल्याण ज्वेलर्स, टाटा स्टार बक्स, जूडियो, टाटा ट्रेंट, बर्गर किंग की असली वेबसाइट से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। फिर फर्जी वेबसाइट का प्रमोशन विज्ञापन के माध्यम से गूगल और सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर किया जाता है। जिन लोगों को उपरोक्त कंपनियों के फ्रेंचाइजी की आवश्यकता होती है, उनके द्वारा वेबसाइट को गूगल पर सर्च किया जाता है।