कैंट से गोदौलिया तक हवाई सफर का सपना अब सच के करीब
गोदौलिया स्टेशन 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य, 2026 की शुरुआत में पूरी तरह चालू हो सकती है रोपवे सेवा
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में कैंट से गोदौलिया तक हवाई सफर का सपना अब जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। भारत की पहली शहरी सार्वजनिक परिवहन रोपवे प्रणाली के रूप में विकसित हो रही यह परियोजना शहर के सबसे व्यस्त इलाकों को तेज, आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन सुविधा से जोड़ेगी। लगभग 3.8 किलोमीटर लंबे इस रोपवे में वाराणसी कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर (गोदौलिया) और गोदौलिया चौक सहित कुल पाँच स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
रोपवे यात्रा को बेहद सुगम बनाने वाला है, जहाँ सड़क मार्ग से 45-50 मिनट लगते हैं, वहीं रोपवे से यह दूरी केवल 16 मिनट में तय होगी। प्रणाली में 148 गोंडोल होंगे, जिनमें प्रत्येक में 10 यात्री बैठ सकेंगे। इसकी दैनिक क्षमता करीब 96 हजार से 1 लाख यात्रियों की होगी। 815 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना को एनएचएलएमएल (एनएचआई की सहायक इकाई) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। कैंट, काशी विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन लगभग तैयार हैं, जबकि मंडलायुक्त एस. राजालिंगम ने गोदौलिया के अंतिम स्टेशन को 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। पहले अगस्त/सितंबर 2025 तक संचालन का लक्ष्य था, लेकिन तकनीकी चुनौतियों के कारण अब यह सेवा 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में चालू होने की उम्मीद है।











