अब रिपोर्ट कार्ड से तय होगी थानेदारों की कुर्सी

अब रिपोर्ट कार्ड से तय होगी थानेदारों की कुर्सी

वाराणसी (रणभेरी सं.)। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल अब थानेदारों की तैनाती उनके रिपोर्ट कार्ड से होगी। वाराणसी कमिश्नरेट की क्राइम मीटिंग में थानेदारों को महीने भर के गुडवर्क का हिसाब देना होगा। इसके साथ खुद के थानेदार बने रहने के कारणों को बिंदुवार बताना होगा।    प्रत्येक थाना प्रभारी को हर महीने अपराधियों के विरूद्ध विशिष्ट कार्यवाही, जाम से निजात पाने/ अतिक्रमण हटाने का ब्योरा देना होगा। महत्वपूर्ण कार्य, उल्लेखनीय बरामदगी (अफीम, चरस व हेरोइन) आदि का विवरण भरना होगा।

 ये कॉलम खाली रहेंगे तो उनकी कुर्सी भी छिन जाएगी। शुक्रवार रात पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में मासिक अपराध समीक्षा की। अपराध नियंत्रण, अपहरण, गौहत्या, जातीय संघर्ष, महिला अपराध व साइबर अपराधों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया। डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी समेत सभी थानाध्यक्षों को आॅपरेशन चक्रव्यूह में सक्रिय अपराधियों की निगरानी और अतिक्रमण हटाने जैसे अभियानों में निरंतर सक्रिय रहने की बात कही। जनसुनवाई व शिकायतों का थाना स्तर पर ही निस्तारण करें ताकि पीड़ित को जिला मुख्यालय न आना पड़े।

सीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रा की दृष्टि से रात्रि अधिकारी विशेष सतर्कता बरतें।
 इस दौरान ट्रैफिक डायवर्जन, कंटिंजेंसी प्लान, सुरक्षा, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी और धार्मिक समन्वय आदि के सभी प्रबंध पूर्ण रूप से सुदृढ़ रहने के लिए निर्देशित किया। डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी समेत सभी थानाध्यक्षों एवं अधिकारियों को निर्देशित किया कि सीयूजी नंबर अटेंड करें और जनप्रतिनिधियों से सम्मानजनक व्यवहार करें। थाना प्रभारी अपनी कार्यप्रणाली का मासिक विवरण प्रस्तुत करें, जो उनके पदस्थापन के मूल्यांकन का आधार बनेगा।

अपराध नियंत्रण में सक्रिय रहें थानेदार

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अपहरण के मामलों में शिथिलता न बरती जाए। बच्चों के अपहरण की सूचना पर तुरंत सक्रिय हो। जातीय संघर्ष की किसी भी सूचना पर, चाहे छोटी ही क्यों न हो, तत्काल और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो। थानाध्यक्ष सीएम डैशबोर्ड के सभी बिंदुओं से पूर्णत: अवगत रहें। 
वांछित गिरफ्तारी हेतु विशेष अभियान चलाया जाये, गौहत्या से संबंधित वांछित अपराधियों को प्राथमिकता पर गिरफ्तार किया जाए। डीसीपी अपने जोन और एसीपी अपने सर्किल में मासिक अपराध समीक्षा अनिवार्य रूप से करें। गोष्ठी में अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था शिवहरी मीणा, अपर पुलिस आयुक्त अपराध राजेश कुमार सिंह सहित समस्त पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, थाना प्रभारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।