अब तंदूर बनाएगी...यह जेठ की दुपहरी

अब तंदूर बनाएगी...यह जेठ की दुपहरी

मौसम विभाग ने जारी किया है हीटवेव का येलो अलर्ट, न्यूनतम तापमान में हुई बढ़ोतरी से अब रात का भी सुकून छिन गया

वाराणसी (रणभेरी सं.)। जेठ की दुपहरी अब लोगों को झुलसाएगी। मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक हीटवेव चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तापमान 44 डिग्री से ऊपर पहुंच सकता है। न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी से लोगों को रात में भी तपिश से राहत नहीं मिलेगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले दिनों मध्य पाकिस्तान से चले पश्चिमी विक्षोभ का असर अब पूर्वाचल में दिखेगा। इससे बारिश तो नहीं होगी, लेकिन हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। हवा के उष्ण होने से गर्मी का अहसास ज्यादा होगा। इससे पहले मंगलवार को 10-15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से लू चली। नमी का अधिकतम प्रतिशत 50 और न्यूनतम 28 रहने से सुबह के समय उमस रही, लेकिन जैसे-जैसे धूप में तेजी आई और हवा रफ्तार पकड़ती रही वैसे-वैसे उमस भी कम होती रही। होट इंडेक्स सुबह 45 के नजदीक रहा। दिन का तापमान सामान्य से 0.8 डिग्री ज्यादा 42.4 और रात का तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री ज्यादा 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि आगे तापमान बढ़ेगा, लू भी चलेगी। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, भू भौतिकी विभाग बीएचयू के नोडल अधिकारी प्रो. रवि शंकर सिंह और तकनीकी अधिकारी एवं मौसम वैज्ञानिक शिव मंगल सिंह ने किसानों को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि गर्म हवा के कारण फल, सब्जी व दलहनी फसलों में पत्तियां मुरझा सकती हैं। इसके लिए सुबह और शाम उनकी हल्की सिंचाई करें। उन्होंने कहा कि तापमान अधिक होने से वाष्पोत्सर्जन बढ़ेगा, इसलिए खेतों में नमी बनाए रखने के लिए टपक सिंचाई या मल्चिंग का उपयोग करें। सब्जियों और आम की नियमित अंतराल पर सिंचाई करें।

गंगा की चौड़ाई घटी और तापमान बढ़ा

बीएचयू के पर्यावरणविद डॉ. कृपा राम ने कहा कि गंगा की चौड़ाई घट रही है। वहीं ग्लोबलाइजेशन बढ़ रहा है। ऐसे में गंगा का तापमान भी बढ़ रहा है। गंगा में बहते हुए पानी का तापमान निकालने के लिए कई तरह के सैंपल लेने होते हैं और लंबे समय के अध्ययन के बाद ही निर्धारित कर सकते हैं।

3 साल पहले हुई थी भविष्यवाणी

तीन साल पहले बीएचयू और आईआईटी के वैज्ञानिकों डॉ. नीलेंदु दास, डॉ. अविकल सागर और उनकी शोध टीम ने लंबे कैलकुलेशन के बाद भविष्यवाणी की थी कि गंगा का तापमान अगले तीन साल में 0.05 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। 2022 में अंतरराष्ट्रीय साइंस जर्नल स्प्रिंजर में छपे शोध को तीन साल पूरे हो चुके हैं और वैज्ञानिक फिर से गंगा के तापमान को नापने की तैयारी में जुट गए हैं।

मानसून आने से पहले बढ़ जाता है गंगा का पारा

वर्तमान में गंगा का तापमान 22 डिग्री के आसपास है। हालांकि मानसून, मानसून के पहले और बाद में गंगा का तापमान अलग-अलग होता है। प्री मानसून में गंगा का तापमान 21.6 और अधिकतम तापमान 24.3 डिग्री तक दर्ज किया गया। मानसून में अधिकतम तापमान 26.41 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.31 डिग्री रहता है।