काशी विश्वनाथ मंदिर: गर्भगृह में स्पर्श दर्शन पर रोक दो दिन और बढ़ी

काशी विश्वनाथ मंदिर: गर्भगृह में स्पर्श दर्शन पर रोक दो दिन और बढ़ी

पत्थर बदलने का कार्य जारी, शनिवार तक पूरा होने की संभावना

वाराणसी (रणभेरी): काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के स्पर्श दर्शन पर रोक अब शुक्रवार और शनिवार को भी जारी रहेगी। यह रोक पहले गुरुवार तक लागू थी, लेकिन पत्थर बदलने का कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण न होने के कारण इसे दो दिन और बढ़ा दिया गया है।

मंदिर परिसर से प्राप्त जानकारी के अनुसार सामान्य दिनों में प्रतिदिन 3–4 हजार और विशेष तिथि अथवा उत्सव के अवसर पर 10–15 हजार श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन करते हैं। लेकिन गर्भगृह के अंदर पत्थर बदलने के कार्य के चलते बीते बुधवार से यह व्यवस्था अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।

धाम के लोकार्पण के समय बदले गए थे पत्थर

ज्ञात हो कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दौरान गर्भगृह में लगे संगमरमर को बदला गया था और इसके आसपास की भीतरी दीवारों को स्वर्णजड़ित किया गया था। नियमित पूजन, दर्शन और पूजन सामग्री के निरंतर स्पर्श के चलते संगमरमर बदरंग होने लगा था तथा कई स्थानों पर उसकी सतह खुरदुरी पड़ गई थी। इसी कारण पत्थरों के पुनः प्रतिस्थापन का निर्णय लिया गया।

गर्भगृह में प्रवेश सीमित, केवल पुजारी ही अंदर

मंदिर प्रशासन ने कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इसलिए गर्भगृह में पुजारियों और सेवादारों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रखा है। स्पर्श दर्शन व्यवस्था कार्य पूर्ण होने तक बंद रहेगी। पत्थर बदलने का कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है। संस्था निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं कर सकी। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन के अनुसार पाँचों पहर की आरती होने और पुजारियों के लगातार प्रवेश के कारण कार्य बाधित हो रहा है, इसलिए मरम्मत शनिवार तक ही पूर्ण हो पाएगी। उधर, न्यास के डिप्टी कलेक्टर शम्भु शरण ने भी पुष्टि की है कि पत्थर बदलने का कार्य अगले दो दिन तक चलेगा।