भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अटल: पीएम मोदी
पुतिन के भारत दौरे पर रक्षा, व्यापार, परमाणु सहयोग और यूक्रेन युद्ध पर अहम बातचीत
(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रिश्तों को “ध्रुव तारे की तरह स्थिर और अटल” बताते हुए कहा है कि बीते आठ दशकों में दुनिया ने कई बड़े संकट, युद्ध, आर्थिक मंदी और वैश्विक चुनौतियां देखी हैं, लेकिन इन सबके बीच भारत-रूस की दोस्ती हर दौर में कायम रही है। प्रधानमंत्री ने यह बयान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता और 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस के संबंध हर कसौटी पर खरे उतरे हैं और दोनों देशों ने आने वाले वर्षों के लिए सहयोग को नई दिशा देने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि 2030 तक आर्थिक सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक रणनीति पर सहमति बनी है, जिससे व्यापार, निवेश, ऊर्जा, विनिर्माण और तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार साल बाद भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं। गुरुवार सुबह राष्ट्रपति भवन में उन्हें 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका औपचारिक स्वागत किया। इसके बाद पुतिन राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राजघाट से सीधे वे हैदराबाद हाउस पहुंचे, जहां पीएम मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय मुलाकात हुई।
भारत तटस्थ नहीं, शांति के पक्ष में है: मोदी
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत किसी भी युद्ध या संघर्ष में तटस्थ नहीं रहता, बल्कि वह दृढ़ता से शांति के पक्ष में खड़ा है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब समाप्त होना चाहिए और इसका समाधान केवल बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों से ही संभव है। पीएम ने यह भी कहा कि दुनिया को एक बार फिर शांति की सख्त जरूरत है और भारत हर उस प्रयास का समर्थन करेगा, जो वैश्विक स्थिरता को मजबूत करे।
प्रधानमंत्री के इस बयान पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि रूस भी इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है।
चार साल बाद पुतिन का दौरा, वैश्विक नजरें भारत पर
राष्ट्रपति पुतिन का यह भारत दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध, ऊर्जा संकट, वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और अमेरिका-यूरोप के साथ रूस के बिगड़ते रिश्तों के कारण पूरी दुनिया की निगाहें नई दिल्ली पर टिकी हैं। अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ और पश्चिमी देशों के दबाव के बीच पुतिन की यह यात्रा कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह दौरा न केवल भारत-रूस संबंधों को नई मजबूती देगा, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका को भी और प्रभावी बनाएगा।
रक्षा सौदों पर सबसे बड़ा फोकस, एस-400 और एसयू-57 पर चर्चा
पुतिन के इस दौरे का सबसे अहम पहलू रक्षा सहयोग रहा। सूत्रों के मुताबिक भारत द्वारा पहले से खरीदे गए एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भूमिका हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बेहद प्रभावी रही थी। इसी के चलते भारत अब रूस से पांच और एस-400 सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है।
इसके साथ ही भारत रूस के पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक फाइटर जेट एसयू-57 को खरीदने की संभावनाओं पर भी बातचीत कर रहा है। इन फाइटर जेट्स को स्टील्थ तकनीक, लंबी रेंज और अत्याधुनिक हथियार प्रणाली के लिए जाना जाता है।

इसके अलावा और भी उन्नत एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर चर्चा हुई, जो न केवल एयरक्राफ्ट बल्कि ड्रोन, क्रूज मिसाइल, हाइपरसोनिक मिसाइल और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है। हालांकि इसकी लागत और मेंटेनेंस बहुत महंगा है, फिर भी भारत इस अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है।
2030 तक आर्थिक सहयोग का नया रोडमैप
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने 2030 तक के लिए एक व्यापक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है। इसके तहत व्यापार और निवेश को संतुलित और टिकाऊ गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत-रूस ट्रेड फोरम को नई ताकत मिलेगी और इससे सह-निर्माण, सह-नवाचार और निर्यात के नए दरवाजे खुलेंगे।
दोनों देशों का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ाना है। ऊर्जा, फार्मा, मशीनरी, स्टील, खनन और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
ऊर्जा सुरक्षा, यूरिया और किसान कल्याण पर विशेष जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस का सहयोग केवल रणनीतिक नहीं बल्कि आम जनता और किसानों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों देश मिलकर यूरिया उत्पादन पर काम कर रहे हैं, जिससे भारत के किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध हो सके।
ऊर्जा सुरक्षा को भारत-रूस साझेदारी का मजबूत स्तंभ बताते हुए पीएम ने कहा कि दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में विन-विन सहयोग को लगातार आगे बढ़ाएंगे। अहम खनिजों पर सहयोग से स्वच्छ ऊर्जा और हाईटेक विनिर्माण को भी मजबूती मिलेगी।
एआई, अंतरिक्ष और हाईटेक तकनीक में नई साझेदारी
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत और रूस अब केवल पारंपरिक रक्षा और व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उच्च तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष अनुसंधान और अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से सहयोग बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में साझेदारी भविष्य की आर्थिक और तकनीकी प्रगति की दिशा तय करेगी।
रूसी नागरिकों को 30 दिन का मुफ्त वीजा
भारत-रूस रिश्तों को आम लोगों के स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही रूसी नागरिकों को 30 दिन का मुफ्त टूरिस्ट वीजा और 30 दिन का ग्रुप टूरिस्ट वीजा दिया जाएगा। इसके साथ ही रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगमता बढ़ेगी।
पीएम ने यह भी कहा कि दोनों देशों के छात्रों, शोधकर्ताओं, खिलाड़ियों और स्कॉलर्स के बीच आदान-प्रदान को और विस्तारित किया जाएगा। वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और तकनीकी प्रशिक्षण में भी साझेदारी बढ़ाई जाएगी।
25 साल पुरानी साझेदारी, निजी रिश्तों का भी जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2001 में जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति के तौर पर भारत का दौरा किया था, तब भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी गई थी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि दोनों नेताओं के निजी रिश्तों को भी 25 साल पूरे हो गए हैं। पीएम ने पुतिन को दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
पुतिन ने मोदी की भूमिका की सराहना की
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन मुद्दे पर भारत के संतुलित और शांति समर्थक रुख की खुले मंच से सराहना की। उन्होंने कहा कि रिश्ते शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से मजबूत होते हैं और भारत-रूस संबंध इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार का भव्य स्वागत और सहयोग के लिए आभार जताया।











