गोरखपुर में अवैध अस्पताल का भंडाफोड़ : इतने मरीजों की मौत के बाद खुला राज, जानिए लैब टेक्नीशियन खुद को क्या बताता था

(रणभेरी): यूपी के गोरखपुर जिले के बांसगांव थाना क्षेत्र में अवैध अस्पतालों की हकीकत सामने आई है। लैब टेक्नीशियन ने खुद को डॉक्टर बताकर 14 महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी कर डाली। 15वें ऑपरेशन में महिला की मौत हो गई। इसका पता चलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। गुस्साए घरवालों ने अस्पताल में हंगामा किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक पति-पत्नी नार्मल डिलीवरी को कॉम्प्लिकेटेड बताकर पेशेंट को डराते थे। कहते थे- पेट में बच्चा टेढ़ा है, फिर सर्जन के नाम पर लैब टेक्नीशियन को बुलाकर ऑपरेशन करवाते थे।
अस्पताल भी बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां कोई भी डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया। फिलहाल, अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हैं। टेक्नीशियन, उसके बेटे और आशा कार्यकर्ता पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 27 अप्रैल 2025 को बांसगांव निवासी एक व्यक्ति अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया था। वहां से उसे उच्चस्तरीय इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन आशा कार्यकर्त्री गंगोत्री देवी ने उसे जबरन बघराई गांव स्थित एक निजी अस्पताल, गोविंद हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। वहीं अस्पताल में मौजूद अप्रशिक्षित स्टाफ ने महिला का ऑपरेशन किया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। बताया जा रहा है कि परिजन जब उसे गोरखपुर के बड़े अस्पताल ले जाने लगे, तो रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने की ताबड़तोड़ कार्रवाई
बांसगांव पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला संख्या 226/2025 के तहत पन्ने लाल दास, नीरज कुमार (पिता-पुत्र), और आशा कार्यकर्त्री गंगोत्री देवी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि गोविंद हॉस्पिटल पूरी तरह अवैध था और उसके पास कोई वैध पंजीकरण नहीं था। इसके अलावा, ये आरोपी टेकवार, उनवल क्षेत्र में 'श्री हरि मेडिकेयर' नामक एक और अवैध अस्पताल भी चला रहे थे, जिसे 2 मई 2025 को स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया।
आरोपियों पर लगे गंभीर धाराएं
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(2), 319(2), 105 और एनएमसी एक्ट 2019 की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान जगरनाथपुर, गगहा निवासी पन्ने लाल दास, नीरज कुमार पुत्र पन्ने लाल दास और गोहली बसंत, बांसगांव कि निवासी आशा कार्यकर्ता गंगोत्री देवी के रूप में हुई।
SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया- लैब टेक्नीशियन पन्ने लाल, उसके बेटे नीरज कुमार और आशा कार्यकर्ता गंगोत्री देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हॉस्पिटल के संचालक अंबरीश राय और सन्नो राय को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। फर्जी हॉस्पिटल खोलकर लोग डॉक्टरों के नाम का फर्जी इस्तेमाल करते हैं। इस पर आईएमए को भी सख्ती करनी चाहिए। इसके लिए आईएमए को पत्र लिखा जाएगा।