IIT-BHU का दौरा करेगी DRDO की टीम, रक्षा तकनीक के 25 प्रोजेक्ट के वैज्ञानिकों से करेंगे वार्ता

वाराणसी (रणभेरी): भारत और पाकिस्तान में बढे तनाव के बीच डीआरडीओ और उसके साथ रिसर्च कर रहे संस्थानों की भूमिका काफी अहम हो गई है। आईआईटी-बीएचयू में रक्षा तकनीक से जुड़े डीआरडीओ के 25 प्रोजेक्ट पर रिसर्च किया जा रहा है। डीआरडीओ के प्रतिनिधि बहुत जल्द संस्थान का दौरा करेंगे।
आईआईटी-बीएचयू में चल रहे 25 प्रोजेक्ट में 25 फीसदी से ज्यादा की प्रोग्रेस हुई है। वहीं बचे 75 फीसदी कामों को अगले ढाई-तीन साल में पूरा किया जाएगा। साथ ही इस साल के रिसर्च के लिए डीआरडीओ की ओर से आईआईटी-बीएचयू को 40 करोड़ रुपये का फंड भी दे दिया गया है। मिसाइल, आयुध, माइक्रोवेव वेपंस, पाउडर मैटलर्जी और हथियारों के लिए संस्थान में तकनीक तैयार की जा रही है।
आईआईटी-बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा दिल्ली में डीआरडीओ के कार्यक्रम राष्ट्रीय तकनीक दिवस में मुख्य अतिथि बनाए गए थे। इस दौरान वे डीआरडीओ के लैब में भी गए और वहां चल रही वैज्ञानिक गतिविधियों के बारे में जानकारियां ली।
आईआईटी बीएचयू में डीआरडीओ सेंटर का उद्घाटन अक्तूबर 2023 में चेयरमैन प्रो. समीर वी. कामथ ने किया था। सितंबर 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेंटर खोलने की अनुमति दी थी। डीआरडीओ भारत के डिफेंस को मजबूती देने के लिए नई तकनीक का विकास कर रहा है। देश भर में 15 डीआरडीओ इंडस्ट्री एकडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) स्थापित किए गए हैं। इन उत्कृष्टता केंद्रों में रिसर्चरों और वैज्ञानिकों को लैब और बाकी साइंटिफिक सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। लैब के बुनियादी ढांचों को भी शामिल किया गया है। देशभर के 50 रिसर्च के लिए 375 करोड़ रुपये का फंड भी आवंटित किया गया है।