केदारनाथ धाम के कपाट खुले, पहले दिन 15 हजार पहुंचे श्रद्धाल ; हेलिकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा, 108 क्विंटल फूलों से सजा धाम

 केदारनाथ धाम के कपाट खुले, पहले दिन 15 हजार पहुंचे श्रद्धाल ; हेलिकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा, 108 क्विंटल फूलों से सजा धाम

(रणभेरी)केदारनाथ: धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 7 बजे खोल दिए गए। कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अखंड ज्योति के दर्शन किए। इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत लगभग 15,000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे, जिन पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे।

अनुमान के मुताबिक अगर मौसम अच्छा रहा, तो जून से अगस्त के बीच 25 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ दर्शन के लिए आ सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले ही भक्त 1 मई की रात से ही बाबा के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े हैं। भक्तों को इंंतजार से बचाने के लिए इस बार दर्शन करने के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है। मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे। इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया। 

मंदिर में जयकारों और ढोल-नगाड़ों की आवाज से माहौल भक्तिमय हो जाता है। इस साल मंदिर को इस बार खास तरीके से सजाया गया है। ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति ने मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया है। यह नज़ारा बहुत ही सुंदर है।-बिरंगे फूलों की खुशबू और सुंदरता से केदारनाथ और भी दिव्य लग रहा है।

केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने का समय और तरीका पुरानी परंपराओं के अनुसार तय किया जाता है। जब मंदिर के कपाट खुलते हैं, तो मंदिर परिसर में मौजूद भक्त खुशी से 'बाबा केदारनाथ का जयकारा' लगाते हैं। कपाट खुलने के दौरान ढोल और नगाड़े बजाए जाते हैं। यह एक उत्सव जैसा माहौल होता है। इसके बाद, भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने की अनुमति मिल जाती है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद, भक्त विधि-विधान से बाबा केदारनाथ की पूजा करते हैं।