क्रिसमस की आधी रात काशी में बजी खुशियों की घंटी, गिरजाघरों में गूंजा प्रभु यीशु के जन्म का संदेश
वाराणसी (रणभेरी): क्रिसमस की पावन आधी रात काशी में आस्था, उल्लास और भाईचारे का अद्भुत संगम देखने को मिला। जैसे ही घड़ी की सुइयों ने रात 12 बजने का संकेत दिया, शहर के सभी गिरजाघरों में एक साथ चर्च की घंटियाँ गूंज उठीं। घंटियों की मधुर ध्वनि के साथ ही प्रभु यीशु मसीह के जन्म का संदेश पूरे काशी नगरी में फैल गया।
कैंटोनमेंट स्थित गिरजाघर समेत शहर के तमाम चर्चों में कैरोल गीतों की मधुर धुनों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। “ओ होली नाइट…”, “खुशी की रात, शांति की रात” जैसे गीतों के बीच श्रद्धालुओं ने प्रभु यीशु के आगमन की खुशियाँ मनाईं। चर्च परिसरों में दीपों और सजावट की रौशनी से रौनक देखते ही बन रही थी। लोग एक-दूसरे को “मेरी क्रिसमस” और “हैप्पी क्रिसमस” कहकर गले मिलते और शुभकामनाएँ देते नजर आए।

छावनी स्थित सेंट मेरीज कैथेड्रल चर्च में काशी धर्मप्रांत के बिशप यूजिन जोसफ के नेतृत्व में विशेष मीसा पूजा का आयोजन किया गया। रात 10:30 बजे शुरू हुई सामूहिक प्रार्थना में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जैसे ही मध्यरात्रि का क्षण आया, प्रभु यीशु के बाल स्वरूप की झांकी के दर्शन कराए गए। झांकी के दर्शन करते ही श्रद्धालु भावुक हो उठे और चर्च परिसर “हैलेलूया” और प्रार्थनाओं से गूंज उठा।
क्रिसमस के मौके पर चर्चों के बाहर भी उत्सव का माहौल रहा। बच्चों के चेहरों पर खास उत्साह दिखाई दिया, वहीं युवाओं और बुजुर्गों ने भी इस पावन पर्व को पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। क्रिसमस की यह रात काशी में आपसी प्रेम, शांति और सद्भाव का संदेश देती नजर आई।











