वाराणसी में बड़ा हादसा: गंगा में नहाने गए चार दोस्त डूबे, तीन को बचाया गया, एक की मौत

17 घंटे बाद NDRF ने ढूंढ निकाला, घर से पढ़ने के लिए निकला था
वाराणसी (रणभेरी): सूजाबाद इलाके में मंगलवार को गंगा नदी में नहाने गए चार दोस्तों के साथ बड़ा हादसा हो गया। नहाने के दौरान चारों गहरे पानी में चले गए। स्थानीय नाविकों की मदद से तीन लड़कों को किसी तरह बचा लिया गया, लेकिन एक युवक, साहिल गुप्ता (17 वर्ष), की तलाश देर रात तक जारी रही। बुधवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने उसका शव बरामद किया। शव मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घर की महिलाओं और मां की चीख-पुकार सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। पूरे इलाके में मातम पसर गया।
पढ़ाई के बहाने निकला था घर से..
सूजाबाद निवासी विजय गुप्ता का बेटा साहिल मंगलवार दोपहर दोस्तों के साथ “पढ़ाई” के बहाने घर से निकला था। मां ने जाते समय कहा था, “खाना खाकर जाना बेटा।” इस पर साहिल ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “जल्दी आ जाऊंगा मां।”
लेकिन वह लौटकर नहीं आया। साहिल के साथ नहाने गए सुंदर, आयुष्मान और पवन को स्थानीय नाविक नारायण मांझी ने बचा लिया, लेकिन साहिल गहरे पानी में डूब गया।
70 वर्षीय नारायण मांझी ने बताया, “हम नाव के पास बैठे थे। तभी चारों लड़के कपड़े उतारकर पानी में उतरने लगे। मैंने मना किया कि बेटा, मत नहाओ, यहां बहुत गहराई है। लेकिन उन्होंने कहा, ‘अपना काम करो बाबा।’ कुछ ही देर बाद दो लड़के चिल्लाने लगे- ‘बचाओ... डूब रहे हैं।’ मैंने नाव से छलांग लगाई और किसी तरह तीन को खींचकर बाहर लाया। लेकिन एक लड़का हाथ से फिसल गया और गहराई में चला गया।”
देर रात तक चला रेस्क्यू अभियान
सूजाबाद चौकी प्रभारी ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। शाम 6 बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। रात 10 बजे तक तलाशी जारी रही लेकिन साहिल का कोई सुराग नहीं मिला।
बुधवार सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ और करीब 9:30 बजे डीप डाइवरों ने साहिल का शव बरामद किया।
सूजाबाद-डोमरी वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि शिवराज पटेल ने बताया कि शाम करीब 4 बजे सूचना मिली कि गंगा घाट पर चार लड़के डूब गए हैं। मौके पर पहुंचने पर तीन को नारायण मांझी ने बचा लिया था, लेकिन एक बच्चा, साहिल गुप्ता, आंखों के सामने पानी में समा गया।
हादसों का इलाका है सूजाबाद घाट
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह इलाका बेहद गहरा है और यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। बार-बार मना करने के बावजूद बच्चे यहां नहाने चले आते हैं। प्रशासन को चेतावनी बोर्ड लगाने और निगरानी बढ़ाने की मांग की गई है।
साहिल की मां बार-बार घाट की ओर दौड़ जाती हैं। किसी से यही पूछती हैं, “मेरा साहिल मिला क्या?” परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है और लोग बस यही कह रहे हैं ,“काश, बच्चों ने बुजुर्ग की बात मान ली होती, तो एक घर उजड़ने से बच जाता।”