पीएम के संसदीय क्षेत्र में डिप्टी सीएम

पीएम के संसदीय क्षेत्र में डिप्टी सीएम
  • बाबा काशी विश्वनाथ जी का किया दर्शन व पूजन
  • बोले घर बैठ कर ट्वीट करना आसान

वाराणसी (रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र मे शनिवार को उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा एक दिवसीय दौरे पर काशी पहुँचे। डिप्टी सीएम ने सर्वप्रथम बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार मे हाजिरी लगाई। उसके बाद वो राज्य सरकार के अधीन आने वाली यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों संग बैठक करने के लिए निकल गए। इसके अलावा डिप्टी सीएम शिक्षा को लेकर चलाए जा रहे सरकारी अभियानों संग कोविड के बाद स्कूलों के खुलने की समीक्षा भी की। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का काशी दौरा लगभग 8 घंटे का है। दर्शन-पूजन और बैठक के अलावा डिप्टी सीएम 5 सितंबर शिक्षक दिवस से पूर्व आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में भी शामिल होंगे।

जिला प्रशासन को देर रात उप मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल मिला था। इसके बाद उनके आगमन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई थी।लंबे वक्त के बाद उप मुख्यमंत्री का वाराणसी दौरा होने जा रहा था। शिक्षा को लेकर किए जा रहे प्रयासों में कोई कमी न मिले,इसे लेकर अधिकारी देर रात तक परेशान नजर आए थे।

गौरतलब है,कि कल यानि रविवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का भी काशी दौरा होने वाला है। जिसके मद्देनजर सारे अधिकारी इसी बात का विशेष ध्यान रख रहे है,कि उनके तरफ से कोई खामिया न मिले।

विपक्ष के पास आरोप लगाने का कोई विकल्प नहीं

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सिर्फ अपने प्रचार-प्रसार में व्यस्त है। इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं में हताशा है। विकास कार्यों के बारे में विपक्ष का कोई नेता कुछ कह नहीं सकता है। उनके पास आरोप लगाने का कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए लोग अपने कामों की तुलना नहीं करते हैं। प्रदेश सरकार जिस तरह से जनसेवा के साथ ही सामाजिक कार्य और आधारभूत संरचना पर ध्यान देने के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर काम कर रही है, उससे विपक्ष में हताशा है। हालांकि जनता प्रसन्न है।

बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के स्कूल फिर खुल गए हैं। कई जगह से सूचना है कि बच्चों की मौत भी हो रही है। इस सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी मौत कहीं भी हो, वह हमारे लिए बेहद ही दुखदायी है। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अगर कहीं ऐसा लगेगा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस पर तत्काल गंभीरता से विचार कर उचित और प्रभावी निर्णय लिया जाएगा।